आपने क्रिकेट मैच में कभी अंपायर को रेड कार्ड (Red Card) दिखाते हुए देखा है? अगर आप इस साल कैरिबियन प्रीमियर लीग यानी सीपीएल को फॉलो नहीं कर रहे हैं तो पक्का नहीं देखा होगा। सीपीएल के इस सीजन (CPL 2023) में रेड कार्ड का नया नियम लागू किया गया है, जिसके सबसे पहले शिकार ट्रिनबागो नाइट राइडर्स के गेंदबाज सुनील नारेन (Sunil Narine) बने हैं। हालांकि, उनके टीम के कप्तान किरोन पोलार्ड (Kieron Pollard) इस नए नियम से बिल्कुल भी खुश नजर नहीं आए और मैच के बाद इसे एक हास्यास्पद नियम बताया।
दरअसल, सीपीएल में रेड कार्ड का नियम धीमी गति से ओवर करने की समस्या को खत्म करने के लिए लाया गया है। रविवार, 27 अगस्त को सीपीएल का 12वां मैच ट्रिनबागो नाइट राइडर्स और सेंट किट्स एंड नेविस पैट्रियट्स के बीच में खेला गया। इस मैच की पहली पारी का आखिरी ओवर ट्रिनबागो नाइट राइडर्स के गेंदबाज ड्वेन ब्रावो करने जा रहे थे, लेकिन अंपायर ने उन्हें रोक दिया।
रेड कार्ड वाले नियम पर क्या बोले पोलार्ड
अंपायर ने उनके कप्तान पोलार्ड से कहा कि वह तय समय सीमा से धीमी गेंदबाजी कर रहे हैं, इसलिए उनकी टीम को रेड कार्ड दिया गया है, जिसका मतलब है कि मैदान में मौजूद खिलाड़ियों में से किसी एक को बाहर जाना पड़ेगा, और कम से कम 6 खिलाड़ियों को सर्किल के अंदर में रखना पड़ेगा। लिहाजा, पोलार्ड ने सुनील नारेन को बाहर भेजा और सिर्फ 10 खिलाड़ियों के साथ ही आखिरी ओवर में फील्डिंग की।
हालांकि, इसके बावजूद पोलार्ड की टीम मैच तो जीत गई, लेकिन मैच के बाद उनसे जब इस नए नियम के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि,
"ईमानदारी से कहूं तो इससे हर किसी के द्वारा की गई कड़ी मेहनत बेकार हो जाएगी। हम प्यादों की तरह हैं और हम वही करेंगे जो हमें बताया जाएगा। हम जितनी तेजी से खेल सकते हैं, खेलेंगे। अगर आपको इस तरह के टूर्नामेंट में 30-45 सेकंड के लिए दंडित किया जाता है, तो यह बिल्कुल हास्यास्पद है।"
बहरहाल, इस नए नियम का नुकसान झेलने के बावजूद पोलार्ड की टीम आसानी से इस मैच को जीत गई। वहीं, रेड कार्ड पाने वाले पहले खिलाड़ी सुनील नारेन भी मैदान से बाहर जाने से पहले 4 ओवर में 24 रन देकर 3 विकेट हासिल कर चुके थे।