अपने बेबाक अंदाज के लिए जाने जाने वाले पूर्व भारतीय क्रिकेट (Indian Cricket Team) कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) ने अपने कार्यकाल के बारे में एक बड़ा खुलासा किया है। शास्त्री ने उनके कार्यकाल के दौरान की सिलेक्शन मीटिंग के बारे में बात करते हुए कहा है कि वो कभी भी इस तरह की मीटिंग का हिस्सा नहीं बने मगर उस मीटिंग में बहुत से ऐसे लोग होते थे जिन्हें वहां नहीं होना चाहिए था।
बता दें कि रवि शास्त्री का कोचिंग कार्यकाल साल 2021 टी20 वर्ल्ड कप के बाद खत्म हो गया था। शास्त्री को पहली बार टीम इंडिया का मुख्य कोच 2017 में बनाया गया था, फिर साल 2019 में उन्हें पुनः नियुक्त किया गया था।
अनधिकृत लोग होते थे चयन समिति की बैठक में शामिल - रवि शास्त्री
जब रवि शास्त्री से चयन समिति के दौरान होने वाली चर्चाओं पर विस्तार से बात करने के लिए कहा गया, तो उन्होंने ईएसपीएन क्रिकइंफो को बताया,
मुझे समझ में नहीं आता कि चयन समिति की बैठक कैसे शुरू होती है, कैसे समाप्त होती है और कौन वहाँ मौजूद होते हैं। पर मेरी जहां तक जानकारी है कि पिछले 3-4 सालों में चयन समिति में कई ऐसे लोग थे जो वहाँ होने के लिए अधिकृत नहीं थे। यह संविधान के खिलाफ है।
अगर शास्त्री के कोचिंग रिकॉर्ड की बात की जाए तो टीम इंडिया ने शास्त्री के पद भार संभालने के बाद कई नये आयाम को छुआ था। इस दौरान भारतीय टीम अपने जबरदस्त खेल के दम पर दुनिया की सर्वश्रेष्ठ यात्री टीमों में से एक बनी, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया की धरती पर लगातार दो यादगार सीरीज जीती, और इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका में मजबूत प्रदर्शन किया, साथ ही न्यूजीलैंड में लिमिटेड-ओवर सीरीज भी अपने नाम की।
शास्त्री के कोचिंग काल में भारतीय टीम ने कई उपलब्धियां तो हासिल की मगर इस दौरान भी टीम इंडिया एक भी आईसीसी टाइटल नहीं जीत पाई। फिलहाल रवि शास्त्री आईपीएल 2023 में कमेंट्री करते देखे जा सकते हैं।