क्रिकेट जगत को आज दो बडे झटके लगे हैं। पहला झटका जिम्बाब्वे के पूर्व कप्तान हीथ स्ट्रीक (Heath Streak) के निधन से लगा तो दूसरा झटका पूर्व दिग्गज भारतीय अंपायर पिलू रिपोर्टर (Piloo Reporter) के निधन की खबर से लगा। पिलू रिपोर्टर का आज 84 साल की उम्र में निधन हो गया। वह मस्तिषक संबंधी बीमारी से पीड़ित थे और लंबे वक्त से बेड रिडेन थे। रिपोर्टर के अंपायरिंग का अंदाज काफी शानदार था। वह इंटरनेशनल क्रिकेट में न्यूट्रल अंपायरों की पहली जोड़ी का हिस्सा थे।
शानदार रहा पिलू रिपोर्टर का करियर
भारत के दिग्गज अंपायर पिलू रिपोर्टर का करियर काफी शानदार रहा। उन्होंने अपने इंटरनेशनल अंपायरिंग करियर में 14 टेस्ट और 22 वनडे मुकाबले में अंपायरिंग की थी। उन्होंने 1992 वर्ल्ड कप में भी अंपायरिंग की थी जो ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में खेला गया था और जिसमें पाकिस्तान की टीम जीती थी। वह 1992 वर्ल्ड कप में भारत के एक मात्र अंपायर थे। पिलू रिपोर्टर को उनके बाउंड्री के देने के अंदाज के लिए भी काफी मशहूर थे।
पिलू रिपोर्टर इंटरनेशनल क्रिकेट के पहले न्यूट्रल अंपायरों की जोड़ी में शामिल थे। दरअसल, साल 1986 में पाकिस्तान के कप्तान इमरान खान ने कदम उठाते हुए उन्हें पाकिस्तान बनाम वेस्टइंडीज लाहौर टेस्ट में अंपायरिंग के लिए बुलाया था। पिलू और वीके रामास्वामी ने इस दौरान अंपायरिंग की थी।
आपको बता दें कि पिलू रिपोर्टर ने अपना अंपायरिंग डेब्यू साल 1984 में इंग्लैंड टीम के भारत दौरे पर किया था। उनका पहला मैच दिल्ली में था। इस मैच में उनके साथी अंपायर दाना दोतिवाला थे। पिलू रिपोर्टर ने साल 1997 में मिड डे से बातचीत करते हुए अंपायरिंग को लेकर बहुत खास बात कही थी। उन्होंने कहा था कि ‘अंपायरिंग काफी हद तक ट्रैफिक को नियंत्रित करने जैसा काम है। ट्रैफिक भी चलना चाहिए और खेल भी’। पिलू रिपोर्टर का निधन से क्रिकेट जगत में शोक की लहर है। उनके निधन पर भारत के पूर्व कप्तान और दिग्गज स्पिनर अनिल कुंबले ने संवेदना प्रकट किया है।