राजस्थान के पूर्व लेग स्पिनर और उनके विजयी रणजी ट्रॉफी स्क्वाड के सदस्य विवेक यादव का कोरोना वायरस संबंधित समस्या से निधन हो गया। विवेक यादव की उम्र 36 साल थी और वह अपनी पत्नी व बेटी के साथ रह रहे थे। विवेक यादव ने बुधवार को शहर के अस्पताल में आखिरी सांस ली।
टीम इंडिया के पूर्व ओपनर आकाश चोपड़ा ने ट्वीट किया, 'राजस्थान के रणजी खिलाड़ी और करीबी दोस्त विवेक यादव नहीं रहे। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे और परिवार के साथ विचार व प्रार्थनाएं।'
विवेक यादव ने 18 फर्स्ट क्ला मैच खेले और 57 विकेट चटकाए। वह 2010-11 रणजी ट्रॉफी फाइनल में खेले थे। यह उनका छोटे घरेलू करियर में सबसे शानदार लम्हा था। विवेक यादव ने बड़ौदा की पहली पारी में 91 रन देकर चार विकेट झटके थे, जिसमें शीर्ष क्रम के पांच बल्लेबाज शामिल थे।
विवेक यादव के इस प्रदर्शन की मदद से राजस्थान ने पहली पारी में महत्वपूर्ण बढ़त हासिल की थी। विवेक यादव ने अपना आखिरी प्रतिस्पर्धी मुकाबला 30 साल पूरे करने से पहले खेला था। विवेक यादव कैंसर के ईलाज से गुजर रहे थे और कीमोथेरेपी के लिए अस्पताल गए थे। विवेक यादव का वहां परीक्षण हुआ और वह कोविड-19 पॉजिटिव निकले। इसके बाद विवेक यादव की तबीयत बिगड़ी और इस घातक वायरस के कारण उनका निधन हो गया।
चुनौती के लिए हमेशा तैयार रहते थे विवेक यादव
2012 में विवेक यादव को इंडियन प्रीमियर लीग के लिए दिल्ली डेयरडेविल्स ने खरीदा था, लेकिन उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला था। विवेक यादव ने 18 फर्स्ट क्लास मैच खेले और 8 लिस्ट ए मैच खेले। इसके अलावा उन्होंने चार टी20 मैच भी खेले। रोहतक में जन्में विवेक यादव ने राजस्थान के लिए घरेलू क्रिकेट में खेला और 2010-11 में ऋषिकेश कानिटकर के नेतृत्व में टीम के नियमित सदस्य रहे।
विवेक यादव ने संन्यास लेने के बाद अपनी एकेडकी खोली और आकाश सिंह जैसे युवा प्रतिभाएं दी, जिन्होंने आगे चलकर भारतीय अंडर-19 टीम और आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स का प्रतिनिधित्व किया। विवेक के दोस्त और पुरानी टीम साथियों ने यादव को शानदार क्रिकेटरों में से एक के रूप में याद किया, जो हमेशा चुनौतियों के लिए तैयार रहते थे।