भारतीय टेस्ट स्पेशलिस्ट हनुमा विहारी ने मिडविकेट पर डाइव लगाकर शानदार कैच लपका और वारविकशायर के लिए काउंटी चैंपियनशिप में अपना डेब्यू किया। इस साल हनुमा विहारी को आईपीएल नीलामी में किसी फ्रेंचाइजी ने नहीं खरीदा था। इसके बाद हनुमा विहारी ने वारविकशायर के साथ अनुबंध किया।
नॉटिंघमशायर के खिलाफ पहले दिन विहारी ने हवा में उछलकर शानदार कैच लपका और दाएं हाथ के बल्लेबाज स्टीवन मुलानी की पारी का अंत किया। मुलानी ने गेंद पर फ्लिक करके रन लेने में दिलचस्पी नहीं दिखाई क्योंकि उन्हें लगा कि गेंद बाउंड्री पार जाएगी।
गेंद हवा में मिड विकेट बाउंड्री की तरफ जा रही थी, तो विहारी ने इसका पीछा किया और डाइव लगाकर कैच लपका। विहारी के हैरतअंगेज कैच ने सभी को दंग कर दिया। नॉटिंघमशायर का तब दूसरे सेशन में स्कोर 105/5 हो गया था। विहारी वारविकशायर के लिए कम से कम तीन मैच खेलेंगे, जिसके बाद वह विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में हिस्सा लेने के लिए भारतीय टीम से जुड़ जाएंगे।
भारतीय टीम जून में साउथैंप्टन में न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेलेगी। इसके बाद अगस्त-सितंबर में भारतीय टीम इंग्लैंड दौरे पर पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेलेगी। याद दिला दें कि हनुमा विहारी की आईपीएल नीलामी के लिए बेस प्राइस 1 करोड़ रुपए थी, लेकिन किसी भी फ्रेंचाइजी ने उनमें दिलचस्वी नहीं दिखाई थी।
हनुमा विहारी की यादगार पारी
हनुमा विहारी ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर सिडनी टेस्ट ड्रॉ कराने में अहम भूमिका निभाई थी। हनुमा विहारी के करियर की यह एक ऐसी पारी है, जिसे फैंस लंबे समय तक नहीं भूल पाएंगे। चोटों से जूझने के बावजूद आंध्र प्रदेश के खिलाड़ी ने हिम्मत नहीं हारी और मुकाबला ड्रॉ कराने के लिए अंत तक डटे रहे। ऑस्ट्रेलिया के घातक गेंदबाजी आक्रमण के सामने हनुमा विहारी ने रविचंद्रन अश्विन के साथ मिलकर करीब 45 ओवर बल्लेबाजी की और मैच बचाया।
विहारी ने बताया था कि अश्विन को एहसास ही नहीं हुआ कि वह सारी तकलीफें झेलने के बावजूद 45 ओवर तक खेल गए। विहारी को पता चल चुका था कि उन्हें चोट लग चुकी है और वह भाग नहीं पाएंगे। विहारी ने तभी मन बना लिया था कि किसी भी हाल में अपना विकेट नहीं गंवाएंगे। अब देखना होगा कि काउंटी क्रिकेट में अपना भाग्य आजमाने गए हनुमा विहारी क्या कमाल करेंगे।