'काश! मैं वहां होता', सचिन तेंदुलकर ने शारजाह क्रिकेट स्टेडियम में अपने नाम के स्टैंड के उद्घाटन पर दी प्रतिक्रिया

 सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड शारजाह के मैदान में बहुत शानदार रहा है
सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड शारजाह के मैदान में बहुत शानदार रहा है

सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने अपने क्रिकेटिंग करियर में लगभग सभी बड़ी उपलब्धि हासिल की है। मगर ये महान खिलाड़ी अंतराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के एक दशक बाद भी मैदान के बाहर नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।

हाल ही में अपना 50वां जन्मदिन मनाने वाले मास्टर ब्लास्टर के नाम एक और नई उपलब्धि जुड़ गई है। सचिन को उनके जन्मदिन के अवसर पर बड़ा सम्मान देते हुए शारजाह के प्रतिष्ठित क्रिकेट स्टेडियम में उनके नाम से एक नए स्टैंड का अनावरण किया गया है। शारजाह क्रिकेट के CEO खलाफ बुखातिर की उपस्थिति में, प्रसिद्ध मैदान पर पश्चिमी स्टैंड का नाम बदलकर उसे 'सचिन तेंदुलकर स्टैंड' किया गया है।

काश! मैं वहां पर मौजूद हो पाता - सचिन तेंदुलकर

सचिन तेंदुलकर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के लिए समारोह में मौजूद नहीं थे क्योंकि उनके पहले से ही प्रतिबद्धताएं थीं और उन्होंने अपनी अनुपस्थिति का दुख व्यक्त किया और कहा,

मुझे वहां होना चाहिए था लेकिन दुर्भाग्य से मेरी पहले से ही प्रतिबद्धताएं थीं। शारजाह में खेलना हमेशा एक शानदार अनुभव रहा है। वातावरण से लेकर प्यार, स्नेह और समर्थन तक, शारजाह भारतीय क्रिकेट फैंस और खेल के प्रेमियों के लिए एक विशेष स्थल रहा है जहां से पूरी दुनिया के खेल के प्रेमियों का भी खास नजरिया है।

सचिन ने आगे बात करते हुए शारजाह क्रिकेट के CEO खलाफ बुखातिर का धन्यवाद दिया और कहा,

डेजर्ट स्टॉर्म मैच की 25वीं वर्षगांठ और मेरी 50वीं जन्मदिन के इस मौके पर बुखातिर और उनकी टीम को इस उदार कदम के लिए एक बड़ा धन्यवाद। ऐसा लगता है कि यह सबसे अधिक यादगार छक्का है।

बता दें कि सचिन तेंदुलकर का शारजाह के मैदान से एक विशेष संबंध रहा है। पूर्व भारतीय कप्तान ने इस मैदान पर 7 शतक जमाए है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ट्राई-सीरीज में लगाएं 2 शतक शामिल थे। अप्रैल 1998 में, शारजाह में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सचिन तेंदुलकर ने 143 रन की एक यादगार पारी खेली थी जिसे "डेजर्ट स्टॉर्म" के नाम से जाना जाता है।

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Edited by Rahul