आईपीएल 2022 (IPL 2022) के शुरूआती दौरा में कई विदेशी खिलाड़ी अपनी-अपनी फ्रेंचाइजी के लिए उपलब्ध नहीं रहेंगे और इसी वजह से सबसे ज्यादा प्रभाव दिल्ली कैपिटल्स (Delhi Capitals) पर पड़ेगा। उनके स्क्वाड में कई ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी मौजूद हैं, जो शुरूआती मैचों में नजर नहीं आएंगे, वहीं प्रमुख तेज एनरिक नॉर्टजे भी चोटिल हैं। इन्हीं सब कारणों की वजह से पूर्व भारतीय खिलाड़ी आकाश चोपड़ा ने दिल्ली कैपिटल्स को लेकर चिंता जाहिर की है और उनके मुताबिक यह टीम शायद प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई ना कर पाए।
पिछले कुछ आईपीएल सीजन में दिल्ली का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। हालाँकि इस बार मेगा ऑक्शन से पहले फ्रेंचाइजी ने शिखर धवन, श्रेयस अय्यर, कागिसो रबाडा और रविचंद्रन अश्विन जैसे बड़े खिलाड़ियों को रिलीज कर दिया और उन्हें ऑक्शन में वापस नहीं खरीद पाए।
अपने यूट्यूब चैनल पर साझा किया गए वीडियो में आकाश चोपड़ा ने दिल्ली कैपिटल्स के लिए शुरूआती मैचों को लेकर कहा,
मैं इस टीम के लिए थोड़ा चिंतित हूं। वे पहले तीन में से दो मैच आसानी से हार सकते हैं। अगर वे तीन में से तीन हार जाते हैं, तो एक सम्भावना है कि उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। हालाँकि कोई आपको अकेले मैच जिता सकता है लेकिन एक टीम के रूप यह आपको बहुत अधिक आत्मविश्वास नहीं देता है।
पूर्व खिलाड़ी ने यह भी कहा कि दिल्ली ने अपना स्क्वाड नतीजों के आधार पर नहीं बनाया है। इस बारे में उन्होंने कहा,
मध्यक्रम में रोवमैन पॉवेल के बारे में कोई नहीं जानता। कई खिलाड़ी संभावनाओं वाले हैं, प्रदर्शन वाले नहीं। आप केएस भरत, रोवमैन पॉवेल, सरफराज खान के बारे में बात करें, इन सभी के अच्छा करने की गारंटी नहीं है।
दिल्ली कैपिटल्स के गेंदबाजों को लेकर भी आकाश चोपड़ा ने दी प्रतिक्रिया
आकाश चोपड़ा ने दिल्ली कैपिटल्स के गेंदबाजी विभाग में शामिल भारतीय गेंदबाजों की मैच जिताने की क्षमता पर भी सवाल उठाया है। चोपड़ा ने कहा,
कुलदीप यादव का काफी लम्बे समय से आईपीएल अच्छा नहीं रहा है । खलील अहमद और चेतन सकारिया आपके प्रमुख मैच विजेता नहीं हैं। मिचेल मार्श का भी एक बड़ा नाम है, लेकिन अभी तक आईपीएल में खुद को साबित नहीं कर पाए हैं।
क्रिकेट कमेंटेटर ने आगे कहा कि अगर दिल्ली प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई करने में असफल रहती है तो उन्हें हैरानी नहीं होगी। उन्होंने कहा,
अगर यह टीम प्लेऑफ़ में जगह नहीं बनाती है तो मुझे आश्चर्य नहीं होगा। मुझे लगता है इस टीम ने प्रदर्शन के बजाय काबिलियत पर जोर दिया है, कुछ खिलाड़ियों के उपलब्धता की भी समस्या है। ऐसे में अगर शुरुआत धीमी रही तो फिर पता नहीं वे किस तरफ जाएंगे।