खेल में किसी भी खिलाड़ी के लिए वर्ल्ड कप में अपने देश का प्रतिनिधित्व करना एक बड़े सपने जैसा होता है। यदि कोई खिलाड़ी अपने देश के लिए वर्ल्ड कप न खेल पाए और ड्रॉप हो जाए तो उसे तो दुःख होता है तथा उसके परिवार वालो को और भी ज्यादा दुःख होता है। ऐसा ही किस्सा भारतीय महिला क्रिकेट टीम (Indian Women's Cricket Team) की युवा बल्लेबाज जेमिमा रोड्रिग्स (Jemimah Rodrigues) ने हाल ही में साझा किया है। इस साल की शुरुआत में न्यूज़ीलैंड में आयोजित हुए महिला वनडे वर्ल्ड कप के दौरान उनका नाम भारतीय महिला टीम में नहीं आया और उनका दिल टूट गया था, जिसको लेकर उन्होंने अपनी बात रखी है।
भारतीय महिला टीम के पूर्व कोच डब्ल्यूवी रमन के टॉक शॉ 'वेडनेसडे विद WV' में जेमिमा रोड्रिग्स ने इस सन्दर्भ में कहा कि, 'ऐसे भी दिन थे जब मुझे वनडे वर्ल्ड कप से बाहर कर दिया गया था और मैं बहुत बुरे दौर से गुजर रही थी और मुझे नहीं लगता था कि मैं अपने परिवार के बिना इस दुःख से बाहर आ पाती। मैं घर पर वो जेमी नहीं थी और वे यह जानते थे। मैं खुश रहने की कोशिश कर रही थी, दिख रहा था कि बाहर सब कुछ अच्छा है लेकिन अंदर से मैं दर्द में थी।'
जेमिमा ने अपने माँ-बाप की पीड़ा को लेकर आगे बताया कि, 'हम घर पर बैठे थे और हम तीनों एक-दूसरे के लिए खुश रहने की कोशिश कर रहे थे ताकि हम एक-दूसरे के लिए मजबूत बन सकें। फिर मैं टूट गई और रोने लगी। मेरे पापा भी रोने लगे, मेरे पापा कभी नहीं रोते। वह चाहते हैं कि मैं किसी चीज से गुजरूं तो ठीक है लेकिन जब मैं अपनी खुद की बेटी को किसी चीज से गुजरते देखता हूं तो यह 10,000 गुना बुरा होता है। और फिर मेरी माँ भी पूरी तरह से टूट गई थी और मेरे माँ-बाप मेरे सामने रोने लगे थे।' आपको बता दें कि अगले साल होने वाले टी20 विश्व कप में जेमिमा रोड्रिग्स का चयन भारतीय टीम में हुआ है जिसको लेकर वह अब काफी खुश हैं।