टीम इंडिया (Indian Cricket Team) ने वर्ल्ड कप के लिए अपनी 15 सदस्यीय टीम का ऐलान कर दिया है। इस टीम में शामिल एक खिलाड़ी शार्दुल ठाकुर (Shardul Thakur) की काफी चर्चाएं हो रही है। 1983 में भारत को वर्ल्ड कप में जीत दिलाने वाले और बीसीसीआई के पूर्व मुख्य चयनकर्ता कृष्णमाचारी श्रीकांत (Krishnamachari Srikkanth) का मानना है कि शार्दुल ने ऐसा क्या किया है, जिससे हम उन्हें एक ऑलराउंडर मान रहे हैं।
शार्दुल के चुने जाने पर हुई तीखी बहस
स्टार स्पोर्ट्स पर भारत के पूर्व बल्लेबाजी कोच संजय बांगर और दिग्गज स्पिनर पियूष चावला की मौजूदगी में श्रीकांत ने शार्दुल ठाकुर को टीम में शामिल किए जाने पर चर्चा की। श्रीकांत ने कहा कि क्या शार्दुल ने अभी तक अपने आपको एक ऑल-राउंडर के रूप में साबित किया है? इस मसले पर श्रीकांत और संजय बांगर के बीच में थोड़ी तीखी बहस भी हुई, जो कुछ इस प्रकार थी:
श्रीकांत: क्या शार्दुल एक पूरे बल्लेबाज हैं?
बांगर: टेस्ट क्रिकेट में, हां हैं।
श्रीकांत: मैं वनडे क्रिकेट की बात कर रहा हूं। क्या वह एक ऑल-राउंडर हैं?
बांगर: हां, वो हैं।
श्रीकांत: कैसे वह एक ऑल-राउंडर हैं? टी20 वर्ल्ड कप के बाद उनका सबसे बड़ा स्कोर सिर्फ 25 है।
बांगर: उनकी गेंदबाजी अच्छी है।
श्रीकांत: कैसे उनकी गेंदबाजी अच्छी है? अपने करियर में उन्होंने कितनी बार पूरे 10 ओवर किए हैं।
हालांकि, इन दोनों के इसी बहस के बीच कार्यक्रम के प्रस्तुतकर्ता ने इस चर्चा को खत्म कर दिया, लेकिन श्रीकांत ने फिर से कहा कि शार्दुल की जगह बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह जैसे किसी खिलाड़ी को चुनना चाहिए था, जिन्होंने ऐसा कुछ गलत नहीं किया कि उनके नाम पर विचार ना किया जाए। श्रीकांत की इस बात पर बांगर ने भी सहमति जताई।
पूर्व वर्ल्ड कप विजेता ने आगे कहा कि,
"हर कोई कह रहा है कि हमें नंबर 8 पर एक बल्लेबाज की जरूरत है...किसे नंबर 8 पर बल्लेबाज की जरूरत है? शार्दुल ठाकुर वहां केवल 10 रन बना रहे हैं और उन्होंने 10 ओवर तक गेंदबाजी भी नहीं की है। नेपाल के खिलाफ मैच में, उन्होंने कितने ओवर फेंके? सिर्फ 4."
उन्होंने आगे कहा कि,
"देखिए, वेस्ट इंडीज या जिम्बाब्वे जैसी टीमों के खिलाफ प्रदर्शन को मत देखिए। हां, अगर वह ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसी टीमों के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें अपने दिमाग में रखिए, लेकिन उन्हें अभी इतना महत्व ना दें। इसलिए मैं कहता हूं, ओवरऑल औसत से मूर्ख मत बनो, हमेशा हर मैच को अलग-अलद देखकर आकलन करो।"