मोहम्मद अजहरुद्दीन ने हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (एचसीए) के अध्यक्ष पद से हटाए जाने की खबरों को खारिज कर दिया है। पूर्व भारतीय कप्तान ने साफ कर दिया है कि ईकाई का नियंत्रण अब भी उन्हीं के पास है।
इसे गैरकानूनी कदम करार देते हुए अजहरद्दीन ने कहा कि चार से पांच लोग उन्हें नहीं हटा सकते क्योंकि वह निर्वाचित सदस्य हैं। एएनआई से बातचीत करते हुए अजहरुद्दीन ने कहा, 'मैं आपको कुछ कहना चाहता हूं, मैं निर्वाचित सदस्य हूं। चार या पांच लोग मुझे अध्यक्ष पद से नहीं हटा सकते क्योंकि आम ईकाई ने मुझे चुना है। यह सब बकवास खबर है। यह गैरकानूनी है।'
अजहर ने आरोप लगाया कि एपेक्स काउंसिल के जिन सदस्यों ने उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजा और निलंबित किया, वो सभी भ्रष्ट हैं।
पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, 'जब उन सभी पर पहले ही जुर्माना लगा हुआ है और जांच के दायरे में हैं, तो कैसे वो मुझ पर आरोप लगा सकते हैं? वो रोज कोर्ट जाते हैं, मैं नहीं। मैंने कुछ गलत नहीं किया, उन्होंने गलत किया है।'
अजहर ने आगे कहा, 'जैसा कि उन्होंने कहा- खाली बर्तन ज्यादा आवाज करते हैं, ऐसा उनके साथ है। बर्तन खाली हो चुका है। मुझे संघ के लिए अच्छा काम करने पर निशाना बनाया जा रहा है। मैं कुछ भी गैरकानूनी नहीं करना चाहता हूं और बस वो ही करना चाहता हूं, तो क्रिकेट की बेहतरी के लिए हो।'
मुझे निशाना बनाया जा रहा है: अजहर
संघ सदस्यों पर आरोप लगाते हुए 58 साल के अजहर ने दावा किया कि अच्छी चीजें करने के लिए उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा, 'मैं सभी 200 से ज्यादा क्लब के लिए टी20 टूर्नामेंट शुरू करने जा रहा हूं और जो उस टूर्नामेंट में खेलेंगे, उन्हें आगे चलकर भारत के लिए खेलने का मौका मिल सकता है। उन लोगों की सिर्फ क्लब में दिलचस्पी है न कि क्रिकेट में।'
पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा कि अनियमितताओं पर सवाल खड़े करने के लिए उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। अजहर ने सवाल किया कि अंडर-19 राज्य टीम की ऑब्जर्वर के रूप में सचिव की बेटी को नियुक्त क्यों किया गया। सदस्यों पर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाते हुए अजहर ने ईडी से कार्रवाई और सीबीआई जांच की मांग की है, जो एचसीए में चल रही भ्रष्टाचार गतिविधियों का पता करें।
एचसीए अध्यक्ष पर अपने निलंबन को खराब कथन करार देते हुए अजहर ने कहा, 'यह खराब कथन है क्योंकि यह पूरी तरह झूठ और बकवास है। मैं इतना नीचे नहीं गिर सकता क्योंकि मैं हमेशा ऑफिस की इज्जत बरकरार रखना चाहता हूं।'
उन्होंने आगे कहा, 'अगर पांच सदस्य- जॉन मनोज, विजयानंद, नरेश शर्मा, सुरेंद्र अग्रवाल और श्रीमति अनुराधा एक गैंग बनाकर अपने आप को एपेक्स काउंसिल बताएं तो इसे किस मायने में उचित ठहरा सकते हैं? मैं इसे कानून के शासन के लिए खराब करार देता हूं।'