मोहम्मद सिराज (Mohammed Siraj) वर्तमान समय में टीम इंडिया (Team India) के प्रमुख गेंदबाजों में से एक हैं। हाल ही में एशिया कप (Asia Cup 2023) के फाइनल में उन्होंने छह विकेट चटकाकर खूब सुर्खियां बटोरी थीं। हालाँकि, आज सिराज जिस मुकाम पर हैं वहां तक पहुंचने के लिए उन्हें काफी मेहनत करनी पड़ी थी। हाल ही में ब्रूट इंडिया के शो के दौरान सिराज ने अपने क्रिकेट के शुरुआती दिनों के बारे में बात करते हुए कई अहम खुलासे किये।
वीडियो की शुरुआत में सिराज ने बताया कि, 'मेरी मम्मी हमेशा से चाहती थीं कि मैं अपने भाई की तरह इंजीनियर बनूं लेकिन मैं कॉलेज के बाद बंक मारकर खेलने निकल जाता था। इसके बाद मम्मी का फ़ोन आने के बाद शाम को घर आता था, लेकिन उनकी डांट से बचने के लिए मैं अब्बू के घर के आने के बाद ही घर में घुसता था, क्योंकि अब्बू ही मुझे मम्मी से बचाते थे। मेरे भाई को 100 रूपये और मुझे 70 रूपये पॉकेट मनी मिलती थी और उसमें से मेरे 40 रूपये मोटरसाइकिल में पेट्रोल डलवाने में चले थे।'
इसके बाद सिराज ने खुलासा किया कि 'जहाँ वह ट्रेनिंग के लिए जाया करते थे वहां बाकी सब महंगी गाड़ियों में आते थे और मुझे उनके सामने मोटरसाइकिल से आने में शर्म आती थी। मैं 16 साल की उम्र में गाँव-गाँव जाकर चपल पहनकर टेनिस गेंद से क्रिकेट खेलता था, क्योंकि जूते खरीदने के पैसे नहीं थे। 70 रूपये की जेब खर्ची में जूते कैसे आते। घर से मांगता तो और डाँट पड़ती।'
दाएं हाथ के गेंदबाज ने बताया कि '19 साल की उम्र में उन्होंने पहली बार लेदर की गेंद से क्रिकेट टूर्नामेंट खेला जिसमें खेलने के लिए उन्हें पैसे मिलते थे। इसके बाद आईपीएल में सिलेक्शन होने के बाद मेरा सबसे पहला सपना घर बनाने का था जिसे मैंने पूरा किया।' इंटरव्यू के दौरान सिराज ने बताया कि 'लॉकडाउन के दौरान उन्होंने काफी मेहनत की थी जिसका परिणाम उन्हें आज देखने को मिल रहा है। आज भी जब मैं मैदान पर राष्ट्रीय गान के दौरान खड़ा रहता हूँ तो सोचता हूँ कि कहाँ था मैं और कहाँ से कहाँ आ गया।'