भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानि बीसीसीआई (BCCI) द्वारा संचालित नेशनल क्रिकेट अकादमी (NCA) बेंगलुरु को लेकर एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। हाल ही में एनसीए में पैसे देकर प्रवेश करने के फर्जी विज्ञापन सामने आए थे। इन विज्ञापनों पर अब बोर्ड ने अपनी स्पष्टीकरण देते हुए बताया कि इस तरह के विज्ञापन पूरी तरह स गलत हैं। बीसीसीआई ने शुक्रवार को इस तरह फर्जी विज्ञापनों पर अपना आधिकारिक बयान साझा किया था। इसमें बीसीसआई सचिव जय शाह ने बड़ी बाते कही हैं।
बीसीसीआई सचिव जय शाह ने बोर्ड द्वारा जारी बयान में कहा कि ‘बोर्ड यह स्पष्ट करना चाहता है कि वह अपनी सुविधा के उपयोग के लिए खिलाड़ियों से कोई पैसे नहीं लेता है। बीसीसीआई के अपने प्रोटोकॉल हैं और एनसीए में प्रवेश योग्याता के अनुसार होती है। एनसीए केवल बीसीसीआई के अनुबंधित खिलाड़ियों, लक्षित समूह के खिलाड़ियों और राज्य संघों द्वारा सिफारिश किए गए क्रिकेटरों के लिए ही उपलब्ध है।’
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने आम नागरिकों को इस तरह के फर्जी विज्ञापन से सावधान रहने की हिदायत देते हुए बयान में आगे कहा कि ‘क्रिकेटरों, कोच और आम जनता को सलाह दी जाती है कि वह सावधानी बरतें और ऐसे फर्जी और धोखाधड़ी वाले पोस्ट का शिकार न बने। अगर आपको ऐसे फर्जी विज्ञापन दिखे तो मार्गदर्शन के लिए संबंधित राज्य संघों से संपर्क करें।’
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के बयान सामने आने के बाद यह साफ हो गया है कि एनसीए में प्रवेश के नाम पर ठगी की घटना को अंजाम दिया जा रहा था। बता दें कि नेशनल क्रिकेट अकादमी में आम तौर पर भारतीय खिलाड़ी चोट के बाद रिकवरी के लिए जाते हैं। इस अकादमी में रविंद्र जडेजा से लेकर जसप्रीत बुमराह तक कई खिलाड़ी रिकवर होकर भारतीय टीम में वापसी कर चुके हैं। वर्तमान में भारतीय टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज केएल राहुल भी अपनी चोट से रिकवर होने के लिए एनसीए में हैं। राहुल को इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले मुकाबले में चोट लगी थी।