2018 में अंडर-19 विश्व कप के बाद पृथ्वी शॉ को भारतीय क्रिकेट की अगली बड़ी चीज माना जा रहा था। उन्होंने जल्द ही भारतीय टीम में अपनी जगह बनाई और वेस्टइंडीज के खिलाफ यादगार टेस्ट डेब्यू करते हुए शतक जमाया। मगर यहां से मुंबई के युवा बल्लेबाज की जिंदगी में कई कठिनाइयां आईं। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उनकी एड़ी में चोट आई। फिर खराब फॉर्म से जूझे। प्रतिबंधित पदार्थ का उपयोग करने में पॉजिटिव पाए गए, जिसके कारण क्रिकेट से 8 महीने दूर रहे।
क्रिकबज से बातचीत करते हुए पृथ्वी शॉ ने बताया कि उनके करियर का सबसे कड़ा समय कौन सा था और कैसे वह इससे निपटे। पृथ्वी शॉ ने कफ सिरप वाले पूरे किस्से पर भी प्रकाश डाला।
युवा बल्लेबाज ने कहा, 'न्यूजीलैंड दौरे तक मेरे लिए सब अच्छा चल रहा था। मैं अच्छा महसूस कर रहा था और आईपीएल 2020 में भी सही प्रदर्शन किया था। 2018-19 सीरीज ऐसी थी, जिस पर मेरा पूरा ध्यान था। अचानक ही ये एड़ी में चोट लग गई। फिजियो और टीम प्रबंधन ने मुझे तीसरे टेस्ट में फिट करने के लिए पूरी मेहनत की, लेकिन एक समय के बाद रिकवरी होना रुक गई। मुझे काफी दर्द था और हम लोग दुखी थी। मगर इस तरह की चीजें होंगी और यही बात खिलाड़ियों व सपोर्ट स्टाफ ने मुझे समझाने की कोशिश की।'
उन्होंने आगे कहा, 'जब मैं वापस आया, मैंने अपना उपचार शुरू किया और आईपीएल खेला। मगर फिर कफ सिरप वाला विवाद हो गया। मेरे ख्याल से मैं और मेरे पिता इसके लिए जिम्मेदार हैं। मुझे याद है कि इंदौर में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी खेल रहे थे और मुझे उस समय सर्दी व खासी हुई। मैं डिनर करने गया पर बहुत खासी थी। मैंने अपने पिता को बताया। उन्होंने मुझे कहा कि बाजार में उपलब्ध कफ सिरप ले ले। मैंने गलती यह की थी कि अपने फिजियो से सलाह नहीं ली, यह मेरे हिस्से की गलती थी।'
अपनी छवि को लेकर डर गया था: शॉ
पृथ्वी शॉ ने आगे कहा, 'मैंने दो दिन तक सिरप लिया और तीसरे दिन मेरा डोप टेस्ट हुआ। तभी मैं प्रतिबंधित पदार्थ का सेवन करने में पॉजिटिव पाया गया। वो मेरे लिए बहुत मुश्किल समय था, जिसे शब्दों में बयां नहीं कर सकता। मैं अपनी छवि को लेकर डरा हुआ था और यह कि लोग मेरे बारे में क्या सोचेंगे। तब मैं इन सभी चीजों से दूर रहने के लिए लंदन चला गया। वहां भी मैं अपने कमरे के बाहर ज्यादा निकलता नहीं था।'
पृथ्वी शॉ ने सारी नाकामियों को पीछे छोड़ते हुए दमदार वापसी की और विजय हजारे ट्रॉफी में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बने। उन्होंने निलंबित आईपीएल में भी 300 से ज्यादा रन बनाए।