मुंबई के दिग्गज तेज गेंदबाज धवल कुलकर्णी (Dhawal Kulkarni) रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) की खिताबी जीत के साथ ही क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। विदर्भ के खिलाफ फाइनल मुकाबला धवल के लिए काफी यादगार रहा। दरअसल, उन्होंने ने विदर्भ का आखिरी विकेट झटक मुंबई की 42वीं रणजी ट्रॉफी जीत पक्की की। अपने आखिरी मुकाबले के बाद धवल ने मुंबई के कप्तान और अपने खास दोस्त अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) की जमकर तारीफ की।
धवल कुलकर्णी ने मैच के बाद बात करते हुए कहा कि, ‘हर क्रिकेटर का यह सपना होता है कि वह उच्च स्तर पर अपनी शुरुआत करे और इसी स्तर पर करियर खत्म करे। यह मेरे करियर का छठा फाइनल था। पांचवीं बार हमने खिताब जीता और यह मेरे लिए सबसे खास है। यह एक शानदार गेस्चर था। मुझे उम्मीद नहीं थी कि रहाणे मुझे गेंद देंगे। तुषार को भी शुक्रिया जिसने मुझे गेंद दी, दो ओवर में दो विकेट झटकने के बाद भी। उन्होंने मुझे कहा कि आप हमारी गेंदबाजी का कई सालों से नेतृत्व कर रहे हैं। इस ओवर में भी हमारा नेतृत्व करें।’
धवल कुलकर्णी ने इस मुकाबले में टीम के लिए शानदार गेंदबाजी की। कुलकर्णी ने विदर्भ की पहली पारी में 11 ओवर में सिर्फ 15 रन खर्च करते हुए 3 महत्वपूर्ण विकेट अपने नाम किए। वहीं धवल ने विदर्भ की दूसरी पारी में 1 विकेट झटका। हालांकि उनका यह एक विकेट काफी खास रहा। क्योंकि इस विकेट के साथ ही मुंबई की टीम रणजी ट्रॉफी की चैंपियन बनी। धवल ने दूसरी पारी में 8.3 ओवर्स की गेंदबाजी करते हुए उन्होंने 38 रन खर्च करते हुए 1 विकेट अपने नाम किए। अपने आखिरी मुकाबले के बाद धवल काफी इमोशनल भी नजर आए हालांकि उनका करियर एक यादगार जीत के साथ खत्म हुआ। बता दें कि धवल कुलकर्णी भारत के लिए भी 12 वनडे और 2 टी20 मुकाबले खेल चुके हैं, जिसमें उन्होंने क्रमशः 19 और 3 विकेट झटके हैं।