टीम इंडिया (Team India) के कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने हाल में वनडे क्रिकेट में अपने बड़े स्कोर ना बनाने को लेकर बात की है। रोहित ने कहा है कि क्रिकेट विश्व कप (ICC Cricket World Cup 2023) के पहले अपने पसंदीदा ढंग की क्रिकेट खेलने का फैसला उनका था। रोहित ने कहा कि उन्होंने स्पष्ट रूप से ऊपरी क्रम में उच्च जोखिम वाली क्रिकेट खेलने का निर्णय लिया था, ताकि विपक्षी गेंदबाजों को दबाव में डाल सकें, और उन्होंने अपने इस फैसले के बारे में टीम प्रबंधन को सूचित किया था।
वर्ल्ड कप 2019 से पहले तक रोहित एक धीमी शुरुआत करने वाले बल्लेबाज के रूप में जाने जाते थे जिनका स्ट्राइक रेट 88.65 का हुआ करता था। मगर इस दौरान उनका औसत लगभग 49 का था और वे बड़े–बड़े शतक लगाने के लिए प्रसिद्ध थे। वहीं, अगर 2019 के बाद की बात की जाए तो, रोहित का औसत गिरा है जबकि उनकी स्ट्राइक रेट में बड़ी वृद्धि हुई है। 2019 के बाद उनकी औसत 47.16 का हो गयी है जबकि उनकी स्ट्राइक रेट 101.02 की पहुंच गयी है।
ज्यादा जोखिम उठाने की वजह से मेरे आंकड़ों में बदलाव हुआ है– रोहित शर्मा
पीटीआई से बात करते हुए इस दिग्गज खिलाड़ी ने बताया है कि क्यों उनके 2019 से अब के बल्लेबाजी आंकड़े में फर्क आया है। इस अवधि के दौरान मेरी स्ट्राइक रेट में वृद्धि हो गई है, लेकिन औसत थोड़ी सी कम हो गई है, और ऐसा ही कुछ हमारे बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौर मुझे बता रहें थे। उन्होंने मुझसे कहा,
तुमने इतने सालों के दौरान बड़े रन इसलिए बनाए क्योंकि तुमने उस तरीके से बल्लेबाजी की थी और पिछले कुछ सालों में बड़े रन इसलिए नहीं बने क्योंकि तुम जोखिम उठा रहे हो।
उन्होंने आगे अपने पिछले कुछ वर्षों के स्ट्राइक रेट और औसत की बात की और कहा,
मेरी करियर की स्ट्राइक रेट लगभग 90 (89.97) है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में, अगर आप मेरे स्कोर्स को देखें और स्ट्राइक रेट को ध्यान में रखें, तो वह 105-110 के आसपास रहा है। तो कहीं ना कहीं आपको समझौता करना पड़ता है। 55 औसत और 110 स्ट्राइक रेट रखना संभव नहीं है। यह उच्च जोखिम वाला खेल भी मेरी स्वयं की खोज की प्रक्रिया का हिस्सा है।