भारत के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने क्रिकेट में मौजूद डीआरएस पर अपनी आपत्ति व्यक्त की है। सचिन का कहना है कि अगर गेंट स्टंप्स पर लग रही है तो बल्लेबाज आउट ही होना चाहिए। इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2023 में बोलते हुए, तेंदुलकर ने कहा डीआरएस की बात करते हुए मजाक में कहा कि वह अपने खेल के दिनों में डीआरएस लेना पसंद करते थे, और उन्होंने कई बार लिया भी था।
सचिन से पूछा गया कि, अगर उनके दौर में डीआरएस की सुविधा होती तो वो अपने करियर में कितने बार डीआरएस लेते। सचिन ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि,
"काफी बार, मैं अपनी ऊंगलियों पर उन्हें गिन नहीं सकता। इसमें कोई शक नहीं है कि मैं डीआरएस को पसंद करता। कुछ फैसले आपके पक्ष में जाते हैं और कुछ आपके खिलाफ जाते हैं।"
सचिन ने बताई डीआरएस की गलतियां
मास्टर ब्लास्टर ने आगे कहा कि, "न तो तकनीक फुल-प्रूफ है और न ही इंसान हैं।" सचिन ने इसके आगे अपनी बात पर जोर देते हुए कहा कि, "डीआरएस से पहले, अंपायर ज़बरदस्त गलतियां कर रहे थे, जिससे मैचों की हार या जीत तय होती थी।"
सचिन ने कहा कि, "हम सिर्फ टेक्नोलॉजी की बात कर रहे हैं, जो फुल-प्रूफ नहीं है और ही इंसान फुल-प्रूफ हैं। डीआरएस के आने से पहले अंपायर्स बहुत सारी बड़ी गलतियां कर रहे थे और उन गलतियों की वजह कोई तीसरा व्यक्ति भाग्य का फैसला कर रहा था, कि हम मैच हारेंगे या जीतेंगे।"
इसके अलावा सचिन तेंदुलकर ने कहा कि,
"मैं मौजूदा फॉर्मेट से बिल्कुल भी सहमत नहीं हूं। अगर गेंद स्टंप्स पर लग रही है, तो बल्लेबाज आउट है, और अगर नहीं लग रही तो वह बल्लेबाजी जारी रख सकता है। अगर कोई बल्लेबाज या गेंदबाज ऑन फिल्ड अंपायर के फैसले से नाराज होता है, तभी वह थर्ड अंपायर के पास जाता है। तो फिर वो वापस ऑन फिल्ड अंपायर के फैसले पर क्यों आते हैं? अगर आपने उस रास्ते (टेक्नोलॉजी) पर जाने का फैसला किया है तो उसी पर जाओ। लेकिन, फिलहाल हम इन दोनों चीजों को मिक्स कर देते हैं और मैं इसे पूरी तरह असहमत हूं।"