भारतीय टीम (Indian Cricket Team) के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में मैचों के तीन दिनों के अंदर खत्म होने को लेकर बड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि टेस्ट मुकाबले दिलचस्प और रोमांचक होने चाहिए ना कि लंबे होने चाहिए। तेंदुलकर के मुताबिक हमें ये नहीं देखना चाहिए कि मैच पांचवें दिन तक गया या नहीं बल्कि इस पर ध्यान देना चाहिए कि कितना तगड़ा कंपटीशन देखने को मिला।
दरअसल भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार मैचों की टेस्ट सीरीज के दौरान तीन मुकाबले ऐसे रहे जो सिर्फ तीन दिनों के अंदर ही खत्म हो गए। यही वजह रही कि पिचों को लेकर काफी शोर-शराबा हुई। पूरी सीरीज में स्पिन गेंदबाजों का दबदबा रहा और काफी टर्न उन्हें पिच से मिला।
हमें कंडीशंस के हिसाब से खुद को ढालना चाहिए - सचिन तेंदुलकर
सचिन तेंदुलकर ने कहा कि जो बल्लेबाज हर एक तरह की पिच पर खेलना चाहता है और अच्छी तरह से पिच को रीड कर लेता है वो मुश्किल परिस्थितियों में भी सफल रहता है। जो भी टीमें दूसरे देश का दौरा करें उन्हें वहां के कंडीशंस के हिसाब से अपने आपको ढालना चाहिए और उसी हिसाब से खेलना चाहिए।
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में बातचीत के दौरान सचिन तेंदुलकर ने कहा,
हमें एक चीज को समझना होगा कि टेस्ट क्रिकेट अट्रैक्टिव होना चाहिए ना कि इस पर ध्यान देना चाहिए कि ये कितने दिनों तक चलेगा। हमें अलग-अलग पिचों पर खेलना पड़ता है। चाहे पिच तेज गेंदबाजों के लिए मददगार हो या फिर स्पिनर्स के लिए मददगार हो, हमें हर एक परिस्थिति का सामना करना चाहिए। जब आप किसी दूसरे देश का दौरा करते हैं तो फिर कंडीशंस उतने आसान नहीं होते हैं। आपको ये समझने की जरूरत होती है कि क्या हो रहा है। उस हिसाब से चीजों का आंकलन करके अपना प्लान बनाना चाहिए।