सचिन तेंदुलकर ने अपने आखिरी मैच का भावुक क्षण याद किया, माँ के साहसी कदम का किया जिक्र 

सचिन ने अपना आखिरी मैच साल 2013 में खेला था
सचिन ने अपना आखिरी मैच साल 2013 में खेला था

664 अंतराष्ट्रीय मैच, 34,357 रन, 100 शतक और 164 अर्धशतक और भी दुनिया भर के अनेकों रिकॉर्ड। क्रिकेट में ये आंकड़े देख कर लगता है कि ये कई खिलाड़ियों द्वारा मिल कर बनाए हुए रिकॉर्ड होंगे मगर ये अद्भुत आंकड़ा तो एक अकेले शख्स ने कायम किया है, जिसका नाम है सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar)।

क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन ने वैसे तो अपने 24 साल लंबे करियर में भारत को कई अवसर पर यादगार पारियों से गौरवांवित होने का मौका दिया है, मगर सचिन द्वारा खेली कुछ पारियां आज भी क्रिकेट फैंस के जेहन में ताजा हैं, और उनमें से एक है, शारजाह के मैदान में उनके द्वारा खेली हुई डिसर्ट स्टॉर्म की पारी। सचिन को इस पारी को खेले हुए शनिवार को 25 साल पूरे हो गये जिसके अवसर पर सचिन ने मुंबई में फैंस के साथ मिल कर केक काटा और अपने क्रिकेटिंग करियर के अंंतिम पलों को फैंस के साथ याद किया।

मेरे आखिरी मैच में मां की मौजूदगी एक भावुक क्षण – सचिन तेंदुलकर

वेस्टइंडीज के खिलाफ मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले अपने आखिरी मैच को याद करते हुए सचिन ने बताया कि कैसे उनकी मां ने वहां आकर उन्हें अपना साथ और समर्थन दिया। सचिन ने कहा,

मैं कई सालों तक खेला, पर मेरी मां ने मेरे आखिरी टेस्ट मैच से पहले मेरा एक भी मैच नहीं देखा। मैंने अपनी मां को कहा कि आपको आना ही है। उनकी शारीरिक चुनौतियों के कारण उनके लिए आना मुश्किल था, पर उन्होंने मुझसे कहा था कि वो मेरे लिए जरूर आएंगी, और वो वहां व्हीलचेयर पर उपस्थित थी। जब उन्हें बड़ी स्क्रीन पर दिखाया गया तो वो मेरे लिए एक बहुत बड़ा भावुक क्षण था।

सचिन ने आगे बात करते हुए अपने पिता का भी जिक्र किया और बताया कि उनके पिता उनसे क्या चाहते थे। सचिन ने कहा,

मुझे आज भी याद है जब में भारत के लिए खेला ही था और मैं अपने पिता के साथ यात्रा कर रहा था। मेरे पिता ने मुझसे कहा कि तुमने अपने सपने को पा लिया है। अब इसके बाद उन्होंने मुझसे कहा कि वो चाहते है की मैं जीवन में एक अच्छा इंसान बनूं क्योंकि वो एक ऐसी चीज है जो मेरे साथ हमेशा रहेगी।

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