महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने अपने करियर से जुड़ा एक बड़ा खुलासा किया है। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने बताया कि करियर की शुरूआत के 12 साल में वह मैच से पहले सो नहीं पाए थे। बता दें कि सचिन तेंदुलकर के नाम बल्लेबाजी के तमाम बड़े रिकॉर्ड्स दर्ज हैं।
क्रिकेट के भगवान माने जाने वाले सचिन तेंदुलकर दुनिया के इकलौते खिलाड़ी हैं, जिन्होंने 200 टेस्ट मैच खेले और 100 अंतरराष्ट्रीय शतक जमाए हैं। सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय रन बनाने का रिकॉर्ड भी तेंदुलकर के नाम ही दर्ज है।
भारत के पूर्व बल्लेबाज ने 2013 में क्रिकेट के सभी प्रारूपों में से संन्यास लिया था। अब आठ साल बाद उन्होंने खुलासा किया कि मैच से पहले वह ढंग से सो नहीं पाते थे। तेंदुलकर ने कहा कि करियर के आखिरी मैच से पहले वह भी ढंग से सो नहीं पाए थे।
सचिन तेंदुलकर ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कहा, 'अगर आप किसी चीज का ध्यान रखते हैं तो आपके अंदर उसे लेकर बैचेनी होती है। मेरे साथ ऐसा इसलिए होता था क्योंकि मुझे क्रिकेट से बहुत प्यार है और मैं जब भी मैदान में आता था तो अच्छा करना चाहता था। मैं कहूंगा कि करियर के शुरूआती 12 साल में मैं मैच से पहले ढंग से सो नहीं पाता था।'
मैंने स्वीकार किया तो चीजें आसान हुईं: सचिन तेंदुलकर
तेंदुलकर ने आगे कहा, 'मैं लगातार सोचता रहा था कि उस गेंदबाज का सामना कैसे करूंगा। वो कैसे गेंदबाजी करेगा। मेरे पास इस गेंद का सामना करने के क्या विकल्प है? मैं इस सोच में रहता था और नींद से जंग चलती रहती थी।'
मास्टर ब्लास्टर ने कहा, 'मैं इस समस्या से निपट नहीं पाया तो मैंने इसे स्वीकार करना शुरू कर दिया। मैंने मान लिया था कि मैच की तैयारी के लिए मेरा शरीर और दिमाग इसी तरह करता था। यह ठीक है और मुझे इससे लड़ने की जरूरत नहीं है।'
48 साल के तेंदुलकर ने कहा, 'मैं इसे स्वीकार किया और अपने आप से कहा कि ठीक है अगर मैं 12:30 और 1 बजे तक जागता हूं, टीवी देखता हूं, गाने सुनता हूं या जो भी करता हूं, तो इससे फर्क नहीं पड़ता है। किसी भी चीज को अपनाना जरूरी होता है। मैं जितना समझता गया उतनी चीजें मेरे लिए आसान हो गई।'
उन्होंने आगे कहा, 'मैं यह नहीं कहूंगा कि मेरे लिए यह बिलकुल सही था, लेकिन हां मुझे ये समझ आ गया कि मेरे साथ यह होना आम है। मेरे साथ यह आखिरी मैच तक हुआ।'