मुंबई (Mumbai Cricket team) के बल्लेबाज सरफराज खान (Sarfaraz Khan) इस समय शानदार फॉर्म में चल रहे हैं। रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) के केवल चार मैचों में खान ने 700 से ज्यादा रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने एक अर्धशतक, तीन शतक जड़े हैं, जिसमें एक दोहरा शतक शामिल है। खान ने विरोधी टीम के गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाई।
भारत के सबसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों में से एक माने जाने वाले सरफराज खान को भारतीय टीम में मौका नहीं मिल सका क्योंकि ऋषभ पंत और इशान किशन ने अपनी दावेदारी अच्छी तरह पेश की। हालांकि, सरफराज खान ने भारतीय घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया और काफी रन बनाए।
सरफराज खान ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से बातचीत में बताया कि कैसे खुद को रन मशीन में तब्दील किया। सरफराज ने कहा, 'मैं आक्रामक खिलाड़ी हूं, लेकिन जब आक्रामक बल्लेबाज कुछ धैर्य विकसित करे तो वो ज्यादा खतरनाक बन सकता है। मेरी तकनीक में कुछ परेशानी अब भी है। मगर मेरे पिता और मैंने इस पर काफी काम किया। मैंने विकेट पर टिकना सीखा और पता किया कि लाल गेंद क्रिकेट में मेरा ऑफ स्टंप कहा हैं।'
खान ने अपने समर्पण के बारे में बातचीत करते हुए कहा, 'मैं रोजाना क्रॉस मैदान और घर में मिलाकर करीब 600-700 गेंदों का सामना करता हूं। विशेषकर स्विंग गेंदों के खिलाफ, अगर टी20 आते हैं तो मैं नेट्स पर शॉट जमाने का अभ्यास करता हूं व पुल और कट शॉट खेलता हूं। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में मेरा ध्यान गेंद को छोड़ने पर होता है क्योंकि एक बार आप पहला घंटा निकाल लो तो फिर आराम से खेल सकते हैं और कोई भी मुझ जैसे आक्रामक बल्लेबाज को रोक नहीं सकता।'
खान ने अपनी तैयारियों के बारे में बात करते हुए कहा, 'मेरे घर में जो पिच है, उस पर अभ्यास करना सबसे कठिन है। जब मैं मैच खेलने जाता हूं तो पिच को अजीब नहीं समझता क्योंकि जिस अभ्यास से मैं गुजरता हूं, उसके कारण मुझे अन्य जगहों की पिच मुश्किल नहीं लगती। इसमें बाउंस, स्पीड, कट, व सभी चीजे हैं।'
बता दें कि मुंबई ने उत्तराखंड को रणजी ट्रॉफी के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में रिकॉर्ड 725 रन के अंतर से मात दी। अब 14 जून को मुंबई का सेमीफाइनल में सामना उत्तर प्रदेश से होगा, जिसने एक अन्य क्वार्टर फाइनल मुकाबले में पिछड़ने के बाद दमदार वापसी करते हुए कर्नाटक को मात दी थी।