भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) का कहना है कि वह अपने अध्यक्ष कार्यकाल पर किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया या जजमेंट नहीं देना चाहते। इसका फैसला जनता पर छोड़ना चाहते हैं। भारत के पूर्व कप्तान को औपचारिक रूप से अक्टूबर 2019 में बोर्ड अध्यक्ष के रूप में चुना गया था। अंतरराष्ट्रीय दौरों का आयोजन, टीमों की सफलतापूर्वक मेजबानी करना और यह सुनिश्चित करना कि कोविड चुनौतियों के बावजूद आईपीएल का आयोजन हर वर्ष हो निश्चित रूप से अध्यक्ष के रूप में गांगुली की ये सभी सबसे बड़ी उपलब्धियों में शुमार होंगे। हालांकि टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली के साथ हुआ विवाद उनके कार्यकाल पर सवाल उठाता है।
बीसीसीआई अध्यक्ष के रूप में सौरव गांगुली का कार्यकाल इस साल के अंत में समाप्त हो जाएगा। उन्होंने स्पोर्ट्सस्टार को दिए एक इंटरव्यू में अपनी विरासत पर किये गए सवाल पर कहा कि, 'मेरी विरासत क्या होगी? देखिये इसके बारे में मैं अभी कुछ नहीं चाहूँगा। देखते हैं आगे क्या होता है और यह आप लोगों के ऊपर ही निर्भर करता है कि आप मेरी विरासत को कैसे देखते हैं। लेकिन पिछले दो वर्षों में कोविड -19 के कारण मेरा कार्यकाल कठिन परिस्थितियों में रहा है। महामारी ने पूरी दुनिया में कहर बरपाया है और हम भाग्यशाली हैं कि हम अभी भी अधिकांश क्रिकेट कराने में सफल रहे हैं।'
सौरव गांगुली के कार्यकाल में बीसीसीआई कोरोना महामारी के सामने डट कर दो सफल आईपीएल का आयोजन करवा पाया था और अब एक बार फिर उनके सामने आईपीएल 2022 का सफल आयोजन करवाने की चुनौती है। इन सभी सफलताओं के अलावा टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और मौजूदा दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली के साथ हुए हाल ही के विवाद उनके कार्यकाल की एक और हाईलाइट रही है। सौरव गांगुली ने सेक्रेटरी जय शाह के साथ मिलकर भारतीय क्रिकेट को एक नया मुकाम दिया है। उनके कार्यकाल में टीम इंडिया ने घरेलू डे-नाईट टेस्ट मैच खेला था।