भारत के पूर्व दिग्गज कप्तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने आईसीसी के नॉकआउट मैचों में टीम इंडिया के बार-बार फ्लॉप होने को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि भारतीय टीम (Indian Cricket Team) के अंदर आक्रामकता है और ये काफी अच्छी बात है लेकिन इसके साथ उन्हें उसी तरह से परफॉर्मेंस भी देना होगा। गांगुली के मुताबिक सिर्फ आक्रामकता से ही काम नहीं चलेगा।
भारतीय टीम को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही टीम का एक बार फिर आईसीसी टाइटल जीतने का सपना टूट गया। भारतीय टीम पिछले 10 साल से एक भी आईसीसी टाइटल नहीं जीत पाई है और लगातार नॉकआउट में आकर हार रही है।
हमारी टीम बड़े मैदानों में काफी रन बनाती थी - सौरव गांगुली
स्टार स्पोर्ट्स पर बातचीत के दौरान सौरव गांगुली से पूछा गया कि भारतीय टीम को नॉकआउट मुकाबले जीतने के लिए क्या करना होगा। इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा "आक्रामकता जरूरी है लेकिन उसके साथ आपको परफॉर्मेंस भी चाहिए होता है। अगर आप 2001 से लेकर 2006 तक के पांच-छह सालों तक देखें तो भारत की बल्लेबाजी ने बड़े वेन्यू पर 500-600 रन बनाए। सिडनी, ब्रिस्बेन, हेडिंग्ले, नॉटिंघम, ओवल, पेशावर, इस्लामाबाद और लाहौर में टीम ने रन बनाए थे। इसकी वजह से विरोधी टीमों पर दबाव आ जाता था।"
सौरव गांगुली ने आगे कहा "इसलिए मुझे लगता है कि इंडियन टीम को ये चीज करनी ही होगी। मैं समझ सकता हूं कि पिछले 10 साल के मुकाबले क्रिकेट अब काफी ज्यादा चेंज हो गई है लेकिन भारतीय टीम को टेस्ट क्रिकेट की पहली पारी में 350-400 रन बनाना ही होगा।"
आपको बता दें कि भारतीय टीम के लिए बल्लेबाजी काफी बड़ी समस्या रही है। ज्यादातर नॉकआउट मुकाबलों में टीम इंडिया को अपनी खराब बल्लेबाजी की वजह से ही हार का सामना करना पड़ा है।