भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज सुरेश रैना ने पूर्व कोच ग्रेग चैपल में खेलने के अपने अनुभव के बारे में बताया है। भारतीय क्रिकेट इतिहास में ग्रेग चैपल का कार्यकाल सबसे विवादित मुद्दों में से एक रहा है। ग्रेग चैपल के कार्यकाल को भारतीय क्रिकेट में काला समय तक करार दिया गया है।
ग्रेग चैपल के हेड कोच बने रहने के दौरान कई सीनियर भारतीय खिलाड़ियों को लगता था कि वो ड्रेसिंग रूम में विभाजन कर रहे हैं। सौरव गांगुली के साथ चैपल का विवाद लगभग सभी भारतीय क्रिकेट फैंस को पता है।
गौरव कपूर के साथ द 22 यार्न्स पोडकास्ट में बातचीत करते हुए सुरेश रैना ने समझाया कि ग्रेग चैपल उस समय तत्कालीन युवाओं जैसे वो, इरफान पठान और रॉबिन उथप्पा के साथ काम करते थे।
रैना ने खुलासा किया कि कैसे फोकस्ड चैपल तत्कालीन भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ के साथ टीम का फील्डिंग स्तर सुधारना चाहते थे।
सुरेश रैना ने कहा, 'मेरे ख्याल से ग्रेग चैपल और राहुल द्रविड़ काफी अनुशासनात्मक थे। मैं और अन्य कई युवा जो टीम में आए, सभी ने कड़ी मेहनत की। वो टीम में ज्यादा युवा खिलाड़ी चाहते थे। हम भाग्यशाली थे कि ग्रेग चैपल जैसा कोच मिला, जो जूनियर खिलाड़ियों का समर्थन करता था। वह भारतीय टीम को नंबर-1 फील्डिंग टीम बनाना चाहते थे।'
कप्तान के रूप में सुरेश रैना ने अपना अनुभव साझा किया
सुरेश रैना ने आईपीएल की टीम गुजरात लायंस और कुछ मैचों के लिए चेन्नई सुपरकिंग्स का प्रतिनिधित्व भी किया है। उनका मानना है कि कई सीनियर खिलाड़ियों ने उन्हें बेहतर कप्तान बनने में मदद की।
सुरेश रैना ने उत्तर प्रदेशन के पूर्व कप्तान और पूर्व भारतीय बल्लेबाज मोहम्मद कैफ के योगदान पर प्रकाश डाला, जिन्होंने उन्हें बेहतर कप्तान बनने में मदद की। अंत में सुरेश रैना ने एमएस धोनी को श्रेय दिया, जिन्होंने उन्हें खिलाड़ी से उसका सर्वश्रेष्ठ निकालने की सीख दी।
सुरेश रैना ने कहा, 'मैंने कप्तानी के बारे में रणजी ट्रॉफी के दौरान अपने उत्तर प्रदेश के कप्तान कैफ भाई से बहुत कुछ सीखा। गुजरात लायंस में मेरे साथ ड्वेन स्मिथ, ब्रेंडन मैकुलम आदि थे, तो मुझे उनसे भी बहुत कुछ सीखने को मिला। एमएस धोनी से भी मैंने कई चीजें सीखी और सीएसके के लिए कुछ मैचों में कप्तानी भी की। उन्होंने मुझे सिखाया कि कप्तान के रूप में कैसे खिलाड़ियों का समर्थन करना है।'