भारतीय महिला क्रिकेट टीम के पूर्व कोच तुषार अरोठे ने तीखा हमला करते हुए कहा कि टीम का माहौल राजनीति और तुष्टिकरण से घिरा हुआ है। उन्होंने कुछ पूर्व महिला क्रिकेटरों के बैकरूम स्टाफ में कामकाज में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया और उन्हें दूर रहने की सलाह दी। भारतीय महिला क्रिकेट टीम में अब तक चार कोच बदल चुके हैं।
रमेश पोवार को दोबारा नियुक्त किया गया, जिन्होंने 2018 में कुछ महीनों के लिए भारतीय क्रिकेट टीम की कोचिंग की थी, लेकिन सीनियर बल्लेबाज मिताली राज से विवाद के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। तुषार अरोठे ने इस शालीनता के लिए खराब प्रदर्शन के लिए कोचों को दोष देने की टीम की संस्कृति को जिम्मेदार ठहराया।
तुषार अरोठे ने न्यूज 18 डॉट कॉम से बातचीत करते हुए कहा, 'महिला क्रिकेट में काफी राजनीति है। इसकी तुलना में पुरुषों का क्रिकेट काफी पारदर्शी है। जब मैंने टीम में करीब से देखा तो बहुत तुष्टिकरण होते देखा। मेरे ख्याल से पूर्व महिला खिलाड़ियों पर आरोप लगाया दिया जाता है। साथ यह टीम की परंपरा की बात है। अगर टीम टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन नहीं करे तो कोच को बर्खास्त कर दिया जाता है। अगर किसी खिलाड़ी की कोच के साथ नहीं बन रही है तो कोच को बदल दिया जाता है। आप मुझसे पहले के कोच देख लीजिए, टीम में पूर्णिमा राव के साथ अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद जैसा बर्ताव है, उस पर विश्वास नहीं होता।'
तुषार अरोठे ने ज्वलंत मामले पर बातचीत करते हुए कुछ उपाय सुझाए हैं। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को अधिक 'जवाबदेह' और 'अनावश्यक भागीदारी' की जरूरत है, खासकर कुछ पूर्व क्रिकेटरों से, हर कीमत पर उन्हें नजरअंदाज किया जाना चाहिए।
अरोठे ने आगे कहा, 'मेरे ख्याल से खिलाड़ियों को अपने या टीम के प्रदर्शन के लिए जवाबदेह होना चाहिए। इस तरह टीम में जिम्मेदारी आती है। एक और बात यह है कि पूर्व महिला खिलाड़ियों- जिनका टीम के साथ कोई व्यापार या कामकाज में हस्पक्षेप हो, उन्हें सख्त रूप से दूर रहना चाहिए। मेरा मानना है कि इस समय, यह मामला नहीं होना चाहिए और गैरजरूरी लोगों का शामिल होना है। मेरा मतलब है कि वह सभी टीम का भला चाहते हैं, लेकिन यह स्पष्ट है कि कोई मदद नहीं कर रहा है।'
चयनकर्ताओं का कोई दृष्टिकोण नहीं: तुषार अरोठे
तुषार अरोठे ने टीम के चयनकर्ताओं को भी लताड़ा, जो कुछ पूर्व क्रिकेटर्स के निशाने पर आ चुके हैं। तानिया भाटिया और तेज गेंदबाज शिखा पांडे को शामिल करने के मामलों का हवाला देते हुए अरोठे ने दावा किया कि फैसला लेने वालों के दृष्टिकोण में कमी हैं और प्रणाली पूरी तरह गड़बड़ है।
तुषार अरोठे ने कहा, 'चयनकर्ताओं का दृष्टिकोण नहीं है। हम दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ लंबे ब्रेक के बाद खेलने जा रहे हैं। शिखा पांडे को टीम में नहीं चुना गया था और मुझे सुनने में आया था कि उन्हें आराम दिया गया है। मेरा मतलब है कि आप कैसे एक खिलाड़ी को आराम दे सकते हो, जिसने 12 महीनों से खेला नहीं है? यह पूरी तरह गड़बड़ है। देखिए तानिया भाटिया को, जो टीम की शानदार विकेटकीपर हैं। उन्हें टीम में शामिल नहीं किया गया था। अब इंग्लैंड दौरे के लिए इन खिलाड़ियों की वापसी हुई। मेरा पूछना है कि इन्हें किस आधार पर बाहर किया गया था और अब वापसी हुई है।'
रमेश पोवार के हेड कोच और जल्द ही घोषित होने वाले सपोर्ट स्टाफ का पहला दौरा इंग्लैंड का होने वाला है। यह दौरान 16 जून से शूरू होगा और एकमात्र टेस्ट ब्रिस्टल में खेला जाएगा।