भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वसीम जाफर ने इस बात को लेकर दुख जाहिर किया है कि उन्हें भारतीय टीम की तरफ से खेलने के ज्यादा मौके नहीं मिले। जाफर के मुताबिक उनसे कहा गया कि अब उनके नाम पर विचार नहीं किया जा रहा है। वसीम जाफर के मुताबिक उन्हें उस वक्त काफी दुख हुआ था कि अब सेलेक्टर्स उनसे आगे बढ़ चुके हैं।
वसीम जाफर ने भारत के लिए 31 टेस्ट मैचों में शिरकत की। लम्बे प्रारूप में उनके नाम 5 शतक और 11 अर्धशतक दर्ज हैं। इस दौरान जाफर ने 212 रनों का उच्चतम स्कोर भी बनाया था। वसीम जाफर उन भारतीय खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्होंने वेस्टइंडीज में टेस्ट खेलते हुए दोहरा शतक जड़ा था। उन्होंने 212 रन की पारी सेंट लूसिया में खेली थी। वनडे क्रिकेट में उन्होंने 2006 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ डेब्यू किया था। हालांकि उन्हें घरेलू क्रिकेट में शानदार रिकॉर्ड के लिए जाना जाता है। रणजी ट्रॉफी में उनके नाम 12 हजार रन हैं और ऐसा करने वाले वे पहले खिलाड़ी हैं।
घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन परफॉर्मेंस के बावजूद मुझे ड्रॉप कर दिया गया - वसीम जाफर
वसीम जाफर ने अब खुलासा किया है कि उन्हें इस बात का काफी दुख है कि भारतीय टीम में उन्हें ज्यादा खेलने के मौके नहीं मिले। उन्होंने Sports Launchpad के यू-ट्यूब चैनल पर कहा,
निश्चित तौर पर मैं इस बात से दुखी हूं कि 2008 के बाद मुझे टीम में शामिल ही नहीं किया गया। मुझे याद है मैंने कुछ सेलेक्टर्स से बात की थी और उनका मैसेज आया कि अब मैनजेमेंट मेरे नाम पर विचार नहीं कर रही है। मैं इस फैसले से काफी हैरान था क्योंकि 30-31 साल की उम्र में ही एक बल्लेबाज मैच्योर होता है। ये इसलिए और भी हैरान कर देने वाला था क्योंकि उसी साल मुझे मुंबई की रणजी ट्रॉफी टीम का कप्तान बना दिया गया और हमने लगातार टाइटल अपने नाम किया। इसी साल मैंने रणजी ट्रॉफी में 1260 रन बनाए थे। मैंने पूरे सीजन में 2000 रन बनाए थे।