ऋषभ पंत (Rishabh Pant) को पिछले साल न्यूजीलैंड (New Zealand cricket team) के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए आराम दिया गया था, तब ऋद्धिमान साहा (Wriddhiman Saha) ने आखिरी बार भारत (India Cricket team) के लिए टेस्ट में विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी संभाली थी।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में साहा को एक बार भी प्लेइंग 11 में मौका नहीं मिला और हाल ही में उन्होंने रणजी ट्रॉफी से अपना नाम वापस लिया। ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि साहा को बता दिया गया है कि भारतीय टीम में उनके दिन पूरे हो चुके हैं और आगामी श्रीलंका के खिलाफ घरेलू सीरीज में उनका चयन नहीं किया जाएगा।
इस बीच अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज ने स्पष्ट किया है कि वह बंगाल टीम से इसलिए नहीं हटे हैं क्योंकि उन्हें श्रीलंका सीरीज के लिए भारतीय टीम में जगह नहीं मिलने वाली है। साहा ने विश्वास के साथ कहा कि भले ही आगामी घरेलू सीरीज में उन्हें मौका नहीं मिले, लेकिन वो संन्यास नहीं ले रहे हैं।
स्पोर्ट्स्टार से बातचीत करते हुए ऋद्धिमान साहा ने कहा, 'ये निजी फैसले होते हैं। विराट ने कप्तानी छोड़ी, ये उनका निजी फैसला था। इसी प्रकार मेरा संन्यास मेरा निजी फैसला होगा। हर किसी की शुरूआत और अंत होता है। मगर मैं सिर्फ इसलिए संन्यास नहीं लूंगा क्योंकि लोग इस बारे में बात कर रहे हैं। अगर टीम को मेरा प्रदर्शन पसंद नहीं और अगर वो मुझे बाहर करते हैं तो मुझे यह स्वीकार करना होगा। मगर लोग अगर धकेलेंगे तो मैं नहीं जाऊंगा।'
अभी मुझमें क्रिकेट बाकी है: साहा
बंगाल के क्रिकेटर ने ध्यान दिलाया कि वह अभी 37 साल के हैं और उनमें कुछ साल क्रिकेट बची है। साहा ने आगे कहा कि इंटरनेशनल क्रिकेट में 40 की उम्र तक खिलाड़ियों को खेलते देखा और उसके बाद भी कुछ ने खेलना जारी रखा।
ऋद्धिमान साहा ने कहा, 'मेरे करियर में मैंने 40 साल के खिलाड़ियों को इंटरनेशनल क्रिकेट खेलते हुए देखा है। कुछ ने 40 के बाद भी जारी रखा और कुछ ने जल्दी संन्यास लिया। तो यह निजी फैसला है। मैं 37 साल का हूं तो मेरे करियर पर सवाल उठ रहे हैं, लेकिन टीम में ऐसे अन्य कुछ सदस्य और भी हैं, जो मेरी उम्र के करीब हैं। मैं जानना चाहता हूं कि क्या वो भी इसी सवाल का सामना कर रहे हैं।'
बता दें कि एमएस धोनी ने दिसंबर 2014 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया था, तब ऋद्धिमान साहा भारतीय टीम के विकेटकीपर की पहली पसंद थे। साहा ने विकेटकीपिंग में शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन बल्ले से प्रभाव बनाने में नाकाम रहे।