T20 Tri Series: 3 भारतीय खिलाड़ी जो मिले मौक़े का फायदा उठाने में नाकाम रहे

हाल ही में श्रीलंका में खेली गई 3 देशों के बीच टी20 ट्राई सीरीज़ भारतीय टीम की लंबी कार्यकाल वाली एक आखिरी श्रृंखला थी। दक्षिण अफ्रीका के लंबे दौरे के बाद, चयनकर्ताओं ने कुछ सीनियर खिलाड़ियों को आराम करने का मौका दिया जिसके कारण अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पहचान बनाने के लिए मौके का इंतजार कर रहे नये खिलाड़ियों को एक अवसर मिला। टी-20 श्रृंखला के दौरान भारतीय क्रिकेट टीम ने शानदार क्रिकेट खेली और अंत में बांग्लादेश के खिलाफ फाइनल में दिनेश कार्तिक की अविश्वसनीय पारी की बदौलत खिताब जीतने में कामयाब रही। हालांकि श्रृंखला से काफी कुछ सकारात्मक प्राप्त हुआ लेकिन इसके अलावा कुछ चिंता के कारण भी रहे। वॉशिंगटन सुंदर जैसे खिलाड़ी ने इस श्रृंखला में अपनी चमक बिखेरी और भविष्य के टूर्नामेंट के लिए खुद को एक मजबूत दावेदार की तरह पेश किया। लेकिन इन सबके बीच कुछ खिलाड़ी ऐसे रहे जो उम्मीद के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर पाये। यहां हम ऐसे ही 3 खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर नजर डालेंगे जो इस सुनहरे मौके को भुनाने में असफल रहे।

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#3 मोहम्मद सिराज

घरेलू टूर्नामेंट में कुछ अच्छे प्रदर्शनों के बाद मोहम्मद सिराज को टीम में चुना गया था। पहले तीन मैचों में बाहर बैठने के बाद आखिरकार सिराज को बांग्लादेश के खिलाफ प्लेइंग-XI में शामिल होने का मौका मिला। 20 ओवरों में 176 रन बनाने के बाद भारत को पॉवरप्ले के दौरान बांग्लादेशी ओपनर को रोकने की जरूरत थी लेकिन सिराज ऐसा करने में नाकामयाब रहे। पहले दो ओवर में सिराज ने 24 रन दिए जब आखिरी के दो ओवर यानि डेथ ओवर में उन्होंने 26 रन लुटा दिये। 4 ओवर में 50 रन देने के बाद सिराज के हाथ सिर्फ एक विकेट लगा और उन्हें फाइनल के लिए टीम से बाहर कर दिया गया। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सिराज की शुरुआत अच्छी नहीं रहीं ऐसे में उन्हें टीम में वापसी के लिए कुछ असाधारण करना होगा।

#2 जयदेव उनादकट

इस दौरे पर जयदेव उनादकट सबसे अनुभवी तेज गेंदबाज थे, लेकिन उनकी गेंदबाज उम्मीद के अनुरूप नहीं रही। बांग्लादेश के खिलाफ भारत के अंतिम लीग मैच में ड्रॉप होने से पहले उनादकट ने पहले तीन मैच खेले जिसके बाद फाइनल में उनकी वापसी हुई। उनादकट ने 4 मैचों में सफलतापूर्वक 7 विकेट अपने नाम किये थे, पर उनकी इकॉनमी रेट उम्मीद से काफी ज्यादा थी। सीरीज में जयदेव ने 14 ओवर डाले जिसमें 9.92 की औसत से 139 दिये थे। महंगे होने के अलावा उनादकट पॉवरप्ले में विकेट लेने में सक्षम नहीं थे जिससे टीम इंडिया को बीच के ओवरों में मुश्किल का सामना करना पड़ा। इस बाएं हाथ के तेज गेंदबाज को पहले से ही पर्याप्त मौके दिए गए हैं और इस तरह के प्रदर्शनों की वजह से वह टीम में अपनी स्थायी जगह नहीं बना सकते हैं।

#1 ऋषभ पंत

ऋषभ पंत इस सीरीज में आने से पहले बेहतरीन फॉर्म में थे। उन्होंने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी में शानदार पारी खेली थी और क्रिकेट विशेषज्ञ उनसे एक शानदार प्रदर्शन की उम्मीद रखे हुए थे। लेकिन दुर्भाग्यवश अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पंत का निराशाजनक प्रदर्शन जारी रहा। श्रीलंका के खिलाफ पहले मैच में पंत अपनी टाइमिंग के साथ संघर्ष करते नजर आये। क्रीज पर और अधिक समय देने के लिए उन्हें बांग्लादेश के खिलाफ अगले मैच में तीसरे स्थान पर भेजा गया। हालांकि पंत ने सिर्फ 7 रन बनाकर अपना विकेट खो दिया। पहले दो मैचों में उनके निराशाजनक प्रदर्शन के बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। इस तरह के अवसरों को खोना और मध्यक्रम पर बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच ऋषभ खुद को साबित करने के लिए समय और मौके दोनों ही खोते जा रहे हैं। लेखक- रैना अनुवादक- सौम्या तिवारी

Edited by Staff Editor
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