क्रिकेट के खेल में सभी चीज़ें देखने में जितनी आसान लगती हैं दरअसल वो उतनी आसान होती नहीं। चाहे वो खिलाड़ी हों, टीम के कोच हों या फिर अम्पायर सभी के लिए उनका काम बेहद ही मुश्किल और मेहनत भरा होता है। टीम की जीत के लिए मैदान में एक तरफ जहां खिलाड़ी पसीना बहाते हैं वहीँ दूसरी तरफ उन खिलाड़ियों के साथ साथ मैदान में खड़े अम्पायर भी मैच में उतनी ही कठिन भूमिका निभाते हुए दिखाई देते हैं। अम्पायरों की इस अहम भूमिका को देखते हुए बीसीसीआई ने अंतर्राष्ट्रीय अम्पायर पैनल में एक नया नाम डालने का प्रस्ताव आईसीसी के सामने रखा है। बीसीसीआई ने अम्पायरिंग के लिए मध्यप्रदेश के नितिन मेनन का नाम सामने लाया है। जिसकी घोषणा मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ ने मंगलवार को किया। 32 वर्षीय मेनन अब तक 40 प्रथम श्रेणी मैचों में अम्पायरिंग की है। इसके अलावा मेनन के नाम 32 लिस्ट-ए मैच और 21 टी20 मैचों में भी अम्पायरिंग करने का आंकड़ा दर्ज है। मेनन जल्द ही अंतर्राष्ट्रीय मैचों में भी अम्पायरिंग करते नज़र आयेंगे। मेनन ने साल 2004 में लिस्ट-ए मैचों में अपना डेब्यू किया था, जिसके दौरान उन्होंने मध्यप्रदेश की तरफ से मात्र दो लिस्ट-ए मैच ही खेले हैं। जबकि उन्होंने अपना अम्पायरिंग डेब्यू साल 2009 में किया था। अपने पहले मैच में मेनन ने रणजी ट्रॉफी के दौरान नागपुर में हुए विदर्भा और गोवा के मैच में अम्पायरिंग की थी। इसके अलावा मेनन ने दिलीप ट्रॉफी, ईरानी ट्रॉफी, ए-गेम्स में भी अम्पायरिंग की है। मेनन को बीसीसीआई और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के एक कार्यक्रम के दौरान ऑस्ट्रेलिया भी भेजा गया था। मेनन ने ऑस्ट्रेलिया के घरेलु प्रथम श्रेणी क्रिकेट के दो मैचों में भी अम्पायरिंग की है। मेनन के पिता नरेंदर मेनन भी एक प्रथम श्रेणी क्रिकेटर थे और उन्होंने मध्यप्रदेश के लिए 51 प्रथम श्रेणी मैच भी खेले हैं। इसके बाद मेनन सीनियर ने अम्पायरिंग की तरफ रुख किया और साल 1993 से 1998 के बीच उन्होंने चार अंतर्राष्ट्रीय एकदिवसीय मैचों में भी अम्पायरिंग की। अब देखना ये है कि बीसीसीआई के इस प्रस्ताव को आईसीसी कबतक मंज़ूरी देता है और मेनन का अंतर्राष्ट्रीय अम्पायरिंग करियर कब तक शुरू हो पायेगा।