दक्षिण अफ्रीका के पूर्व तेज़ गेंदबाज लिंडसे टकेट का ब्लोएम्फोंटिन में 97 साल की उम्र में निधन हो गया। टकेट इस समय सबसे उम्रदराज़ टेस्ट क्रिकेटर थे लेकिन अब उनके निधन के बाद दक्षिण अफ्रीका के ही पूर्व ऑल राउंडर जॉन वॉटकिंस सबसे उम्रदराज़ टेस्ट क्रिकेटर बन गए हैं। वो अभी 93 साल के हैं। लिंडसे टकेट ने दक्षिण अफ्रीका के लिए 1947 से 1949 के बीच में 9 टेस्ट खेले थे। इन 9 टेस्ट में उन्होंने 40 के उच्चतम स्कोर और 11.90 की औसत से 131 रन बनाये थे और उसके अलावा 51.57 की औसत से 19 विकेट भी लिए हैं। टकेट ने अपने सभी मैच इंग्लैंड के विरुद्ध ही खेले। टकेट ने 61 प्रथम श्रेणी मैच भी खेले। इन मैचों में उन्होंने 1 शतक की मदद से 1496 रन बनाये और उसके साथ ही 225 विकेट भी लिए थे। टकेट ने 1935 में अपना पहला प्रथम श्रेणी मैच सिर्फ 16 साल की उम्र में ऑरेंज फ्री स्टेट के लिए खेला था। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जब क्रिकेट की वापसी हुई तो इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए टकेट का चयन दक्षिण अफ्रीकी टीम में हुआ। उन्होंने टेस्ट करियर की शुरुआत में ही 5 विकेट लिए और इंग्लैंड के दौरे पर उन्होंने पांच मैचों में 15 विकेट लिए। जब इंग्लैंड की टीम 1948-49 में दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर आई, तो ये टकेट की दूसरी सीरीज थी। डरबन में हुए एक रोमांचक टेस्ट के अंतिम गेंद पर इंग्लैंड ने दो विकेट से जीत हासिल की थी और आखिरी ओवर टकेट ने ही डाला था। इस सीरीज में उन्होंने सिर्फ चार विकेट लिए और इसी सीरीज में उन्होंने पोर्ट एलिज़ाबेथ में अपना आखिरी टेस्ट खेला था। अपने 19 अंतर्राष्ट्रीय विकेट में दो बार पारी में 5 विकेट लिए। टकेट ने अपना आखिरी प्रथम श्रेणी मैच 1954-55 में खेला था और उन्होंने सभी मैच दक्षिण अफ्रीका और ऑरेंज फ्री स्टेट के लिए ही खेले। लिंडसे टकेट के पिता लेन टकेट और अंकल जो कॉक्स ने भी दक्षिण अफ्रीका के लिए टेस्ट खेला था।