5 अप्रैल का दिन क्रिकेट (Cricket) प्रेमियों के लिए काफी खास है। इसकी वजह ये है कि इसी दिन 2005 में एम एस धोनी (MS Dhoni) ने पाकिस्तान के खिलाफ 148 रनों की धुआंधार पारी खेली थी। उन्होंने विशाखापट्टनम में खेले गए उस मुकाबले में जबरदस्त शतक लगाते हुए भारत को जीत दिलाई थी। धोनी की वो पारी आज भी लोगों के जेहन में ताजा है।
दरअसल 2005 में पाकिस्तान की टीम भारत दौरे पर आई थी। इस सीरीज का दूसरा मुकाबला विशाखापट्टनम में खेला गया था। एम एस धोनी इससे पहले लगातार फ्लॉप हो रहे थे और ये सीरीज उनके लिए शायद आखिरी मौका था। उन्होंने इस मौके का पूरा फायदा उठाया।
इस मैच में भारत ने सचिन तेंदुलकर का विकेट जल्दी गंवा दिया था। इसके बाद तीसरे नंबर पर एम एस धोनी को बल्लेबाजी के लिए भेजा गया था। धोनी ने पाकिस्तानी गेंदबाजों की धुनाई करते हुए 123 गेंदों पर 148 रन बनाये और अपना पहला वनडे शतक बनाया। धोनी की इस पारी के दम पर भारत ने 356 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। जवाब में पाकिस्तानी टीम 298 रन पर सिमट गई और भारत ने 58 रन से मुकाबला जीत लिया। उन्होंने अपनी इस पारी के दौरान 15 चौके और 4 छक्के लगाए थे। धोनी को उनकी बेहतरीन पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।
एम एस धोनी के करियर को इस पारी से मिली थी उड़ान
एम एस धोनी के करियर को उड़ान इसी पारी की बदौलत मिली थी। उन्होंने इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा और अपने करियर में कई यादगार पारियां खेली। एम एस धोनी ने श्रीलंका के खिलाफ अपने करियर का सर्वाधिक स्कोर बनाया था। उन्होंने 183 रनों की विस्फोटक पारी खेली थी, जिसमें 10 छक्के शामिल थे। धोनी ने 2019 का वर्ल्ड कप सेमीफाइनल खेलने के बाद इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया था।