24 सितंबर का दिन भारतीय क्रिकेट इतिहास में काफी खास है। आज ही के दिन साल 2007 में भारत (Indian Cricket Team) ने पाकिस्तान (Pakistan Cricket Team) को हराकर टी20 वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया था। भारतीय फैंस के जेहन में आज भी वो तस्वीर ताजा है जब जोगिंदर शर्मा की गेंद पर श्रीसंत ने मिस्बाह उल हक का कैच पकड़ा था और पूरा भारत खुशी से झूम उठा था।
क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप टी20 की शुरुआत 2005 में हुई थी और 2007 में इसके बाद पहला टी20 वर्ल्ड कप हुआ था। भारतीय टीम ने इस वर्ल्ड कप के लिए अपने कई सीनियर खिलाड़ियों को रेस्ट दे दिया था और युवा प्लेयर्स पर भरोसा जताया था। इसी वजह से किसी ने सोचा नहीं था कि टीम खिताब जीत जाएगी।
भारत ने ग्रुप स्टेज में पाकिस्तान को बॉल आउट नियम में हराया और उसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसके बाद टूर्नामेंट में युवराज सिंह के 6 छक्के देखने को मिले और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ श्रीसंत का जबरदस्त स्पेल देखने को मिला। भारतीय टीम हर एक बाधा पार करते हुए फाइनल में पहुंच गई जहां उनके सामने एक बार फिर पाकिस्तान की टीम थी। भारत और पाकिस्तान के बीच फाइनल मुकाबला होने के वजह से इस मुकाबले का रोमांच पहले ही दोगुना हो गया था। वहीं मैच भी आखिरी ओवर तक गया।
भारत ने पहले खेलते हुए 5 विकेट पर 157 रन बनाए थे। गौतम गंभीर ने बेहतरीन पारी खेली थी। इसके बाद 158 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए पाकिस्तान ने 19 ओवर तक 9 विकेट के नुकसान पर 145 रन बना लिए थे और उन्हें आखिरी ओवर में 13 रन चाहिए थे। कप्तान धोनी ने आखिरी ओवर जोगिंदर शर्मा को थमा दिया और हर कोई इस फैसले से हैरान था, क्योंकि जोगिंदर शर्मा उतने बड़े गेंदबाज उस वक्त नहीं थे।
जोगिंदर शर्मा की गेंद पर मिस्बाह उल हक ने खेला था स्कूप शॉट
पहली गेंद जोगिंदर शर्मा ने वाइड फेंकी और दूसरी गेंद पर उन्होंने मिस्बाह को कोई रन नहीं बनाने दिया। तीसरी गेंद पर मिस्बाह उल हक ने छक्का जड़ दिया और पूरा स्टेडियम सन्न रह गया। अब पाकिस्तान को सिर्फ 6 रनों की दरकार थी और वो जीत से महज एक हिट दूर थे लेकिन तीसरी गेंद पर मिस्बाह ने स्कूप शॉट खेलना चाहा और श्रीसंत को कैच थमा बैठे और भारत ने 5 रन से मैच जीतकर वर्ल्ड कप खिताब पर कब्जा कर लिया।