4 जनवरी 2017, इसी तारीख को पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने ये घोषणा की था कि वो एकदिवसीय और टी-20 टीम की कप्तानी छोड़ रहे हैं। धोनी को कप्तानी छोड़े हुए आज पूरा एक साल हो गया। लेकिन मैदान पर वो अब भी अक्सर 'कैप्टन कूल' की भूमिका में विराट की मदद करते हैं। कप्तानी छोड़ने के बाद धोनी ने एक ने इस बात का खुलासा किया था कि उन्होंने क्यों कप्तानी छोड़ी और साथ ही अब उनका रोल कैसा होगा। कप्तानी छोड़ने के बाद धोनी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बताया कि उन्होंने कप्तानी क्यों छोड़ी। धोनी ने बताया था कि उन्हें ऐसा लगता है कि भारत ऐसी टीम नहीं है, जो स्पिलिट कप्तानी पर चले (हर प्रारूप के लिए अलग कप्तान) इसलिए उन्हें कप्तानी छोड़ने का फैसला सही लगा। उन्होंने कहा था कि मुझे लगता है भारत ऐसी टीम है, जहां एक ही कप्तान हर प्रारूप में कप्तानी करे ये बहुत जरूरी है। मैं टेस्ट कप्तान नहीं बन सकता क्योंकि मैंने टेस्ट क्रिकेट छोड़ दिया है तो मुझे नहीं लगता कि मुझे वनडे और टी20 कप्तानी करनी चाहिए। धोनी ने तब कहा था कि विराट कोहली को हर प्रारुप का कप्तान बनाया जाए। धोनी ने इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, 'विकेटकीपर हमेशा ही टीम का उप-कप्तान होता है।' इसके अलावा धोनी ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी बैटिंग पोजिशन को लेकर भी बात की थी। उन्होंने कहा था, 'मैं हमेशा टीम की जरूरत के हिसाब से खेला हूं और कप्तानी छोड़ने के बाद भी ऐसा ही रहेगा। टीम को जहां मेरी जरूरत होगी मैं उसी पोजिशन पर बैटिंग करूंगा। आइये देखते हैं वो प्रेस कॉन्फ्रेंस और फैन्स की ट्विटर पर प्रतिक्रियाएं :
गौरतलब है कि धोनी ने 2007 में सीमित ओवरों के क्रिकेट की तो वहीं टेस्ट की कप्तानी का मौका ऑस्ट्रेलिया के विरूद्ध 2008 में मिला । उनकी कप्तानी में ही टीम ने आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में पहला स्थान हासिल किया था ।