फरवरी 2001 में भारत दौरे पर आई ऑस्ट्रेलियाई टीम पहला टेस्ट मैच 10 विकेट से जीतने के बाद 11 मार्च को ईडन गार्डन्स में दूसरा टेस्ट खेलने उतरी। दूसरे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया का टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का निर्णय उस समय सही साबित हुआ जब उसने स्टीव वॉ के 110 और मैथ्यू हेडन के 97 रनों की बदौलत मेहमान टीम ने 446 रन का विशाल स्कोर पहली पारी में बनाया। 446 रन का पीछा करने उतरी भारतीय टीम महज़ 171 पर ढेर हो गई। भारत की ओर से सिर्फ वीवीएस लक्ष्मण ही 59 रन के तौर पर कुछ खास योगदान दे पाए। पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया ने 274 रन की बढ़त हासिल कर भारत को फॉलोऑन का निर्देश दिया। मैच के तीसरे दिन भारत की फ़ॉलोऑन पारी में चाय काल के बाद चौथा विकेट 232 के स्कोर पर सौरव गांगुली (48) का विकेट गिरा। जब गांगुली का विकेट गिरने के बाद जब राहुल द्रविड़ क्रीज़ पर आए तब लक्ष्मण 95 रन पर थे। चौथा विकेट गिरने के बाद तीसरे दिन का खेल समाप्त होने पर भारत के स्कोर में 22 रन का इजाफा होकर 254/4 पर पहुंच गया। चौथे दिन खेलते हुए लक्ष्मण और द्रविड़ ने 335 रन की साझेदारी की। दोनों की इस साझेदारी की बदौलत भारत का स्कोर 4 विकेट के नुकसान पर 589 रन पहुंच गया। चौथे दिन तक इस साझेदारी में द्रविड़ 155* रन का योगदान दे चुके थे और लक्ष्मण ने नाबाद 275 रन बनाकर 180 रन इस साझेदारी में जोड़ लिए थे।
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पांचवें दिन खेल शुरू होने के बाद भारत का पांचवां विकेट 608 रन के योग पर लक्ष्मण के रूप में गिरा। वीवीएस लक्ष्मण 281 रन बनाकर आउट हुए और इस तरह राहुल और उनके बीच 376 रन की साझेदारी हुई जो कि पांचवे विकेट के लिए तीसरी सबसे बड़ी साझेदारी का रिकॉर्ड है। इसके बाद 629 के योग पर द्रविड़ 180 पर रन आउट हो गए , भारत ने आगे खेलते हुए लंच तक 7 विकेट के नुकसान पर 657 रन बनाकर अपनी पारी घोषित कर दी। जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम महज़ 212 रन पर ढेर हो गई। इस पारी में हरभजन सिंह और सचिन तेंदुलकर ने क्रमशः 6 और 3 विकेट अपने नाम किये। इस तरह लक्ष्मण और द्रविड़ की इस यादगार साझेदारी की बदौलत भारत ने 171 से मैच अपने नाम कर लिया।