IPL: 5 ऐसे स्टार क्रिकेटर जो सिर्फ़ एक सीज़न में ही चमक पाए

आईपीएल शुरु हुए एक दशक बीत चुका है और अब ये 11वें सीज़न में दाख़िल होने जा रहा है। इस टूर्नामेंट के ज़रिए विश्व के कई खिलाड़ी उभर कर सामने आए हैं। कई खिलाड़ी ऐसे हैं जो पूरे सीज़न में छाए रहे, चाहे वो साल 2016 में विराट कोहली हों या 2012 के सीज़न में क्रिस गेल। इंडियन प्रीमीयर लीग में खेलना किसी भी युवा क्रिकेटर के लिए शानदार मौक़ा होता है। आईपीएल से पहले किसी भी युवा खिलाड़ी के लिए चयनकर्ताओं की नज़र में आना काफ़ी मुश्किल होता था। आईपीएल के ज़रिए जसप्रीत बुमराह, हार्दिक पांड्या और युज़वेंद्र चहल जैसे क्रिकेटर्स ने टीम इंडिया में जगह बनाई है। इसके अलावा कई खिलाड़ी ऐसे भी हैं जो एक सीज़न में ख़ूब चमके लेकिन फिर दोबारा अच्छा खेल नहीं दिखा पाए। हम यहां ऐसे ही 5 खिलाड़ियों के बारे में चर्चा कर रहे हैं।

#5 पॉल वॉलथैटी

पॉल वॉलथैटी उस वक़्त अचानक से चर्चा में आ गए थे जब उन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स के ख़िलाफ़ शानदार शतक बनाया था। उन्होंने 63 गेंदों में 120 रन की बेहतरीन पारी खेली थी और पंजाब को जीत दिलाई थी। साल 2011 के आईपीएल सीज़न में वॉलथैटी ने 35.61 की औसत से 463 रन बनाए थे। हांलाकि इसके बाद लगातार कई चोट की वजह से वॉलथैटी अपने लक्ष्य से दूर हो गए। इसी चोट की वजह से वो घरेलू क्रिकेट से भी लंबे वक़्त के लिए बाहर रहे। अपने इस शानदार आईपीएल सीज़न के बाद वो ज़्यादा नहीं चल पाए और कहीं ग़ायब से हो गए।

#4 मनप्रीत गोनी

मनप्रीत सिंह गोनी ने आईपीएल के पहले सीज़न में शानदार प्रदर्शन किया था, उन्होंने 16 मैच में 17 विकेट हासिल किए थे। पंजाब के इस तेज़ गेंदबाज़ की चमक अगले आईपीएल सीज़न तक फीकी हो गई थी। ज़्यादातर वक़्त वो प्लेइंग इलेवन से बाहर ही दिखाई देते थे। अपने पहले आईपीएल में शानदार खेल की बदौलत उन्हें टीम इंडिया में भी खेलने का मौक़ा मिला। गोनी ने 2 अंतरराष्ट्रीय वनडे मैच खेले, जिसमें उन्होंने 2 विकेट हासिल किए। उन्होंने हांगकांग के ख़िलाफ़ वनडे में डेब्यू किया था। घरेलू क्रिकेट में ख़राब प्रदर्शन के बाद उन्हें ज़्यादा मौक़ा नहीं मिल पाया। इसके अलावा वो कई तरह की चोट का शिकार हुए और टीम से बाहर रहे।

#3 सौरभ तिवारी

सौरभ तिवारी पहली बार तब चर्चा आए थे जब उन्होंने 2008 के अंडर-19 वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन किया था। साल 2010 के आईपीएल सीज़न में उन्होंने ख़ूब नाम कमाया था। इस सीज़न में उन्होंने 30 की औसत और 135.59 के स्ट्राइक रेट से 419 रन बनाए थे। 2010 सीज़न में सौरभ के इसी प्रदर्शन की बदौलत मुंबई टीम फ़ाइनल में पहुंची थी। आईपीएल के इसी प्रदर्शन की बदौलत उनका चयन टीम इंडिया में हुआ था। उन्होंने 2 वनडे में महज़ 49 रन बनाए, वो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख़ुद को साबित करने में नाकाम साबित हुए। साल 2012 के बाद उन्हें आईपीएल में ज़्यादा खेलने का मौका नहीं मिल पाया। वो आईपीएल में ज़्यादातर प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं बन पाए थे।

#2 प्रदीप सांगवान

प्रदीप सांगवान ने अपने डेब्यू रणजी ट्रॉफ़ी में 33 विकेट हासिल किए थे, साल 2008 के अंडर-19 वर्ल्ड कप में भी उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया था। साल 2009 के आईपीएल सीज़न में वो दिल्ली डेयरडेविल्स टीम से जुड़े थे। उन्होंने उस सीज़न में 13 मैच में 7.71 की इकॉनमी रेट से 15 विकेट हासिल किए थे। लेकिन धीरे धीरे आईपीएल में उनका प्रदर्शन बुरा होता गया। साल 2013 में वो डोप टेस्ट में पोज़िटिव पाए गए थे, जिसके बाद उनपर 18 महीने का बैन लग गया था। बैन ख़्तम होने के बाद वो ख़ुद को साबित करने में नाकाम रहे हैं। साल 2018 के आईपीएल सीज़न में वो मुंबई टीम से खेलते हुए नज़र आएंगे।

#1 स्वपनिल असनोदकर

राजस्थान रॉयल्स के पूर्व कप्तान शेन वॉर्न, स्वपनिल असनोदकर को ‘गोवा का तोप’ कह कर पुकारते थे। पहले आईपीएल सीज़न में शानदार खेल की बदौलत वो चर्चा में आए थे। असनोदकर ग्रीम स्मिथ के साथ मिलकर राजस्थान टीम की ओपनिंग करते थे। असनोदकर ने साल 2008 के आईपीएल सीज़न में 9 पारियों में 34.55 की औसत और 133.47 की स्ट्राइक रेट से 311 रन बनाए थे। असनोदकर के इस बेहतरीन खेल के बावजूद उन्हें टीम इंडिया में शामिल नहीं किया गया। गोवा के इस विस्फोटक बल्लेबाज़ की बदौलत राजस्थान टीम ने आईपीएल का पहला ख़िताब जीता था। बाद में घरेलू क्रिकेट में उनका प्रदर्शन कुछ ख़ास नहीं रहा। वो आईपीएल की अगली नीलामी के दौरान टीम मालिकों को आर्कषित नहीं कर पाए। मौजूदा वक़्त में वो गोवा टीम का हिस्सा हैं और विजय हजारे ट्रॉफ़ी में उन्होंने शानदार शतक भी लगाया था। लेखक – सौरभ गांगुली अनुवादक – शारिक़ुल होदा