एक समय टीटीई रहे महेंद्र सिंह धोनी पहुंचे रेलवे ग्राउंड

भारतीय टीम के सीमित ओवरों के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के लिए अपनी घरेलू टीम को प्रशिक्षण देना असामान्य सी बात है। लेकिन आज कल कैप्टन कूल अपने राज्य, झारखंड क्रिकेट टीम के साथ अभ्यास कर रहे हैं। गौरतलब है कि धोनी ने इंटरनेशनल क्रिकेट से ब्रेक लिया हुआ है। अगर इसके फायदे की बात करें तो ये व्यवस्था धोनी और टीम, दोनों के लिए ही फायदेमंद है। आपको बता दें की झारखंड की टीम गुरूवार से महारष्ट्र के खिलाफ रणजी ट्रॉफी का पहला मैच खेलेगी। जहां युवा खिलाडियों को धोनी के साथ खेलने का फायदा तो मिलेगा ही, साथ ही साथ वो उनसे अनुभव भी प्राप्त करना चाहेंगे। बुधवार की दोपहर जैसे ही झारखंड के खिलाड़ियों ने अभ्यास करना शुरू किया तब एक आदमी ने वहां दस्तक दी। जिसने अपने कन्धों पर ट्रेनिंग डफल बैग टांगा हुआ था। ये पल उन युवाओं के लिए किसी बेहतरीन पल से कम नहीं होने वाला था। उसके बाद वो विकेट के सेंटर में जाता है। जहाँ दोनों तरफ प्रैक्टिस नेट्स लगे हुए थे। उस समय वहां का माहौल बड़ा ही शांतिपूर्ण बना हुआ था। उसके बाद धोनी ने वहां मौजूद खिलाडियों और कोच राजीव कुमार से मुलाक़ात की। धोनी ने कहा की " मैं रणजी ट्रॉफी मैच नहीं खेल रहा हूँ, लेकिन मैं लड़कों के साथ ही रहूंगा। उन्होंने कहा कि मैं किसी यंगस्टार की जगह को छीनना नहीं चाहता हूँ"। झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष अमिताभ चौधरी ने बताया कि धोनी इससे पहले झारखंड इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में आयोजित शिविर के एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे। धोनी जब भारतीय क्रिकेट टीम में नहीं खेलते है तो वो औपचारिक भूमिका के लिए गुरु के रूप में नज़र आ जाते हैं। धोने ने जैसा अगस्त में बुची बाबू टूर्नामेंट के दौरान किया था। बुधवार को धोनी ने नेट्स पर लगभग बीस मिनट तक मध्यम गति की गेंदबाजी का अभ्यास किया। इसके बाद उन्होंने स्पिनर्स का सामना किया। इस दौरान धोनी ने कुछ लंबे हिट्स भी लगाये। बाद में धोनी ने टीम के साथी खिलाड़ियों को कुछ महत्वपूर्ण टिप्स देने के साथ-साथ अपना अनुभव भी साझा किया। धोनी ने इसके बाद कहा कि " मैंने कभी जिम ज्वाइन करने के बारे में नहीं सोचा, क्योंकि मेने हमेशा से ही अपनी बॉडी के आराम दिया है।इसके साथ में तीनों प्रारूपों में खेला भी हूं और जब आप लगातार एक साल तक खेलते हैं तो आपके पास इतना वक़्त नहीं होता कि आप सही वक़्त से जिम ज्वाइन कर लें या अपनी बॉडी के लिए सही डाइट को चुन लें। मैंने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद से ही लगातार जिम जाना शुरू कर दिया और साथ-साथ में अपनी डाइट पर भी ध्यान लगाना शुरू कर। जिसकी मदद से मैंने लगभग अपना 4 प्रतिशत वज़न घटा लिया और वाकई में ये मेरे लिए बहुत ही अच्छा अनुभव रहा था।