इंडियन प्रीमियर लीग, वनडे और टी -20 विश्व कप जीतने वाले 6 खिलाड़ी

एकदिवसीय विश्व कप, टी 20 विश्व कप और आईपीएल दुनिया के तीन सबसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट हैं। जबकि एकदिवसीय विश्व कप में हमेशा ही कांटे की टक्कर देखने को मिलती है, टी 20 विश्व कप ने क्रिकेट को और अधिक लोकप्रिय बना दिया है। आईपीएल भी किसी विश्वस्तरीय टूर्नामेंट से कम नहीं रहा है क्योंकि सभी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी इसमें अपना सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट खेलते हैं। जहां तक खिलाड़ियों का संबंध है, वे अपनी टीम को ज़्यादा से ज़्यादा अंतराष्ट्रीय टूर्नामेंट जिताना चाहते हैं। हालांकि, अपनी टीम को प्रत्येक ट्रॉफी जिताना हर खिलाड़ी के लिए संभव नहीं है। मिसाल के तौर पर, टी-20 के सबसे बेहतरीन खिलाड़ी एबी डिविलियर्स अपनी टीम को कभी भी इस प्रारूप में ख़िताब नहीं जिता सके। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कुछ ऐसे खिलाड़ी भी हैं जिन्होंने वनडे, टी-20 और आईपीएल के ख़िताब अपनी टीमों को जिताये हैं। तो आइये नज़र डालते हैं ऐसे छह खिलाड़ियों पर जिन्होंने अपनी टीमों को एकदिवसीय विश्व कप, टी 20 विश्व कप और आईपीएल के ख़िताब जिताये हैं:

एमएस धोनी

एमएस धोनी भारत के सबसे सफल आधुनिक क्रिकेटरों में से एक है। उन्होंने भारत में सीमित ओवरों के क्रिकेट को एक नए तरीके से परिभाषित किया है। बल्लेबाज के रूप में धोनी की प्रतिभा के अलावा, उनके बेहतरीन नेतृत्व कौशल ने उन्हें विशेष खिलाड़ी बना दिया है। कप्तान के रूप में उनका स्वर्णिम युग 2007 में विश्व टी -20 विश्व कप का खिताब जीतने के साथ शुरू हुआ था। इसके बाद उन्होंने 2011 में भारत को अपनी कप्तानी में एकदिवसीय विश्वकप का ख़िताब जिताया। इसके बाद उन्होंने दो साल बाद वर्ष 2013 भारत को चैंपियंस ट्रॉफी का ख़िताब जिताया। आईपीएल में, धोनी की आईपीएल टीम - चेन्नई सुपर किंग्स ने 2010, 2011 और 2018 में खिताब पर अपना कब्ज़ा जमाया है।

युवराज सिंह

युवराज सिंह भारत के अब तक के सबसे सर्वश्रेष्ठ वनडे खिलाड़ियों में से एक हैं। पिछले कुछ सालों से वह भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए अपनी खराब फॉर्म और खराब सेहत से जूझते दिखे हैं। उन्होंने अंडर-19 विश्व कप में अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर टीम इंडिया में अपनी जगह बनाई थी। उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन किया। बाएं हाथ के इस विस्फोटक बल्लेबाज़ ने 2007 में खेले गए पहले टी-20 विश्व कप में शानदार प्रदर्शन किया और भारतीय टीम को पहली बार टूर्नामेंट का ख़िताब जिताने में अहम भूमिका निभाई। इसके बाद विश्वकप 2011 में, युवराज ने खराब स्वास्थ्य के बावजूद पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन कर मैन ऑफ़ द सीरीज़ का पुरस्कार जीता। हालांकि वह आईपीएल में लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए लेकिन, फिर भी 2016 में उन्होंने अपनी टीम सनराइजर्स हैदराबाद के लिए कुछ अच्छी पारियां खेली थीं।

हरभजन सिंह

हरभजन सिंह क्रिकेट के सभी प्रारूपों में भारतीय टीम के लिए एक बेहद प्रभावी ऑफ स्पिनर रहे हैं। 1998 में 17 वर्षीय खिलाड़ी के तौर पहली बार भारतीय टीम का हिस्सा बनने वाले हरभजन ने लगभग 18 वर्षों तक भारतीय टीम में अपनी सेवाएं दीं। 2007 में विश्वकप में भारत के पहले दौर से ही बाहर हो जाने के बाद उन्हें टीम से कुछ देर के लिए बाहर कर दिया गया था। लेकिन उसी वर्ष हुए टी 20 विश्व कप में भज्जी ने धमाकेदार वापसी की और भारत को पहला टी- 20 विश्व में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हरभजन उस भारतीय टीम का भी हिस्सा रहे जिस ने 2011 में वनडे विश्वकप जीता था। आईपीएल में मुंबई इंडियंस के साथ उनका अच्छा समय रहा है और साथ ही उन्होंने 2013, 2015 और 2017 में अपनी टीम को आईपीएल ट्रॉफी जिताने में अहम भूमिका भी निभाई। 2018 की नीलामी में सीएसके द्वारा उन्हें खरीदा गया था जिसने इस साल अपनी चौथी आईपीएल ट्रॉफी जीती।

गौतम गंभीर

गौतम गंभीर भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज़ों में से एक रहे हैं। उन्होंने विशेष रूप से मैच की महत्वपूर्ण परिस्थितियों में, काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। गंभीर ने 2007 में टी-20 विश्व के फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ 75 रनों की अहम पारी खेली थी और टीम को पहली बार टी-20 का विश्व विजेता बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। इसके अलावा 2011 के विश्वकप फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ उन्होंने 97 रनों की शानदार पारी खेली थी, जो क्रिकेट प्रशंसकों को आज भी याद होगी। उस मैच में 274 रनों का पीछा करते हुए भारत ने सलामी बल्लेबाज़ सचिन और सहवाग को जल्दी खो दिया था और फिर नंबर तीन पर बल्लेबाज़ी करने आये गंभीर ने अपनी टीम को संकट से उबारा था। वह आईपीएल में भी एक सफल कप्तान रहे हैं और बाएं हाथ के इस दिग्गज बल्लेबाज ने कोलकाता नाइट राइडर्स को 2012 और 2014 में अपने नेतृत्व में ख़िताब जिताये हैं।

यूसुफ पठान

यूसुफ पठान शुरुआत में इरफान पठान के बड़े भाई होने के नाते चर्चा में आये। उसके बाद वह 2007 के टी-20 विश्व कप में विश्व विजेता भारतीय टीम का हिस्सा रहे। इसके बाद अपने अच्छे प्रदर्शन की बदौलत पठान ने आईपीएल 2008 में राजस्थान रॉयल्स की टीम में जगह पाई और अपनी टीम को पहला आईपीएल ख़िताब जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पिछले कुछ वर्षों में, यूसुफ पठान ने एक पॉवर हिटर के रूप में ख्याति अर्जित की है। उन्होंने भारतीय टीम के लिए 56 एकदिवसीय और 22 टी -20 खेले हैं और इसके अलावा वह 2011 की विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा भी रहे हैं। भले ही यूसुफ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी क्षमता के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर सके लेकिन आईपीएल में उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। वह कई वर्षों से कोलकाता नाइट राइडर्स का एक अभिन्न अंग रहे हैं और 2012 और 2014 में अपनी टीम को आईपीएल खिताब जिताने में उनकी अहम भूमिका रही है।

पियूष चावला

पियूष चावला ने सिर्फ 17 साल की उम्र में 2006 में अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी। चयनकर्ताओं ने उन पर भरोसा दिखाकर उन्हें राष्ट्रीय टीम में शामिल किया था। वह 2007 का टी-20 विश्व कप जीतने वाले भारतीय टीम का हिस्सा थे। इसके बाद हालाँकि वह नियमित रूप से टीम का हिस्सा नहीं रहे लेकिन फिर भी उन्हें विश्व कप 2011 के लिए अंतिम 15 में चुना गया था। उन्होंने टूर्नामेंट में कुछ मैच खेले थे और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश की थी। इसके बाद आईपीएल में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। पहले तीन सालों से किंग्स इलेवन पंजाब के लिए खेलने के बाद, चावला कोलकाता नाइट राइडर्स का हिस्सा रहे। उन्होंने 2014 में केकेआर की खिताब जीत में बड़ी भूमिका निभाई, जहां उनकी टीम ने किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ करीबी जीत दर्ज की थी। लेखक: रैना सिंह अनुवादक: आशीष कुमार