पाकिस्तान टीम की सर्वकालिक वनडे एकादश

S AFRIDI

एकदिवसीय इतिहास में पाकिस्तान शायद सबसे रोमांचक टीम है। उन्हें अक्सर 'सबसे अप्रत्याशित पक्ष' के रूप में जाता है क्योंकि वे किसी एक दिन चैंपियंस की तरह खेलते हैं, तो अगले ही दिन वह बुरी तरह संघर्ष करते दिखाई देते हैं। इमरान ख़ान की कप्तानी में वे ‘लड़ाकू चीते’ की तरह खेले और जिसका नतीजा 1992 विश्व कप जीत के रूप में सामने आया। आश्चर्य की बात नहीं है पाकिस्तान ने सभी फॉर्मेट में कई महान खिलाड़ी को जन्म दिया है और विश्व क्रिकेट में अपना दबदबा कायम किया है। अपने चिर प्रतिद्वदी भारत की तरह ही पाकिस्तान में क्रिकेट को पूजा जाता है और क्रिकेटर को सुपरहीरो की तरह माना जाता है। आईये आज पाकिस्तान के सर्वकालिक एकदिवसीय एकादश पर नजर डालते हैं। कट ऑफ: एक खिलाड़ी को न्यूनतम 100 एकदिवसीय में खेला होना चाहिए। सलामी बल्लेबाज़ों की जोड़ी #1 शाहिद आफरीदी शाहिद आफरीदी आधुनिक युग के सबसे आकर्षक किरदारों और बल्लेबाजों में से एक रहे हैं। क्रिकेट के टी 20 फॉर्मेट आने से पहले ही आफ़रीदी का विस्फोटक अंदाज़ जारी था। यदि सईद अनवर की बल्लेबाजी में भव्यता थी, तो अफरीदी की बल्लेबाजी में पावर हिटिंग थी। 1990 के दशक में सनथ जयासूर्या, एडम गिलक्रिस्ट और सचिन तेंदुलकर जैसे कई आक्रमक बल्लेबाजों का उदय हुआ, लेकिन आफरीदी ने स्ट्राइक रेट के मामले में सभी को ढक दिया। वह स्ट्राइक रेट के मास्टर रहे हैं। हालांकि परिस्थिति के अनुसार कई बार ना खेलने के कारण उनका औसत कम ही रहा है। अपने करियर के दूसरे पार्ट में आफरीदी एक बहुत ही बेहतर गेंदबाज बन गए और टीम में अपनी जगह गेंदबाजी के आधार पर बरकरार रखी। एक 'बल्लेबाज जो गेंदबाजी कर सकता है' से ' एक गेंदबाज जो बल्लेबाज़ी कर सकता है' तक खुद में एक उल्लेखनीय परिवर्तन किया। अफरीदी इस महान बल्लेबाजी के लिए खुले रहेंगे और जो टीम के शीर्ष पर आतिशबाजी बल्लेबाजी प्रदान करेगा। #2 सईद अनवर

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सईद अनवर उस दुर्लभ नस्ल के बल्लेबाजों में से थे जो पावर हिटिंग के बिना तेज रन बनाने की क्षमता रखते थे। उनकी बल्लेबाजी उन शानदार शॉट्स से भरी पड़ी थी जो परंपरावादियों के लिए खुशी होने का एक बड़ा स्रोत थी। 1990 के दशक के दौरान अनवर एक उत्कृष्ट बल्लेबाज रहे और पाकिस्तान के विरोधियों के लिए टॉप ऑर्डर पर सबसे खतरनाक खिलाड़ी बने रहे। उन्होंने 20 शतक लगाए, जिनमें से उनका सर्वश्रेष्ठ भारत के खिलाफ 194 का स्कोर था। एक दशक से अधिक समय तक वह एकदिवसीय में सबसे अधिक व्यक्तिगत स्कोर बनाने वाले खिलाड़ी रहे। किसी पाकिस्तानी सलामी बल्लेबाज को एकदिवसीय क्रिकेट में इतनी सफलता नहीं मिली जितनी अनवर को मिली। 247 मैचों में अनवर ने 39.21 के औसत से 8824 रन बनाए, जिसमें उनका स्ट्राइक रेट रहा 80.67। वह पाकिस्तान की टेस्ट टीम में भी प्रमुख खिलाड़ी थे। यह स्टाइलिश बल्लेबाज टॉप ऑर्डर पर शाहिद आफरीदी का साथ देगा। मध्यक्रम #3 जावेद मिंयादाद

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पाकिस्तान के क्रिकेट इतिहास में जावेद मियांदाद की प्रतिष्ठता के बराबर उन्हें प्रतिस्पर्धा देने के लिए बहुत कम खिलाड़ी रहे। 1980 के दशक में कराची के ये रन मशीन दोनों प्रारूपों में टीम की बल्लेबाजी का मुख्य आधार थे। 67 की उनकी स्ट्राइक रेट आज के बल्लेबाजी के मानकों के मुकाबले में कुछ कमजोर लगती है, लेकिन वह उस युग में खेले जब इस रेट पर स्कोर करना पूरी तरह स्वीकार्य था। हालांकि जरूरत पड़ने पर टेंपो बढ़ाने की उनकी क्षमता के बारे में कुछ संदेह किया जा सकता था। टेस्ट में उनका औसत 52 और वनडे में औसत 41 था जो उनके सिलसिलेवार प्रदर्शन को दिखाता है। उन्होंने 1992 के विश्व कप में 437 रन बनाकर टीम को चैंपियन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी , वह 1992 विश्वकप में न्यूज़ीलैंड के मार्टिन क्रो (456 रन) के बाद दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे। मियांदाद के बारें में कोई भी लेख 1986 ऑस्ट्रेलियन कप के दौरान चेतन शर्मा की आखिरी गेंद पर मारे गये छक्के के बिना पूरा नहीं होता है, जिस वजह से पाकिस्तान मैच जीत सका था। वह एक ऐसा शॉट था जो आज भी कई भारतीयों के जहन में ताजा है। वह पाकिस्तानी बैटिंग लाइन अप के नंबर 3 स्लॉट पर फिट बैठते है। #4 इंज़माम-उल-हक़

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इस श्रेणी में निसंकोच एक और विकल्प, वनडे और टेस्ट दोनों में, इंजमाम-उल-हक पाकिस्तान की मिट्टी से उभरने वाले सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ों में से एक है। 1992 के विश्वकप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ 37 गेंदों पर धमाकेदार 60 रन ने ना सिर्फ पाकिस्तान को एक अनिश्चित जीत दिलाई बल्कि पाकिस्तान को शानदार ढंग से फाइनल में पहुंचाने में मुख्य भूमिका निभाई। उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और समय समय पर अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया। इंज़माम को अक्सर विकेट के बीच दौड़ के लिए उनकी आलोचना की जाती है लेकिन इसके बावजूद उनके आलोचक भी यह मानते है कि वह अपने समय के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज रहे हैं। जबकि वह पार्क के चारों ओर शॉट्स खेलने में माहिर थे, खासकर तेज गेंदबाजों के खिलाफ उनके पुल औप स्पिनर के खिलाफ ड्राइव क्लासिक रहती थी। इंजी ने अपने करियर में 378 एकदिवसीय मैच खेले जिसमें 39.52 की औसत और 74 की स्ट्राइक रेट से 11739 रन बनाये। वह पाकिस्तान की तरफ से एकदिवसीय में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं और ऐसे खिलाड़ी को टीम की हमेशा जरूरत रहती है। ऐसे में इंज़माम नंबर 4 पर परफेक्ट बैठते हैं। #5 मोहम्मद यूसुफ

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अधिकांश पाकिस्तानी प्रशंसकों के लिए इंजमाम-उल-हक के साथ मोहम्मद यूसुफ की बल्लेबाजी 2000 के दशक की पहली छमाही में बेहद आश्वस्त करने वाली थी। यह जोड़ी टेस्ट और वनडे में पाकिस्तान की मध्य क्रम की रीढ़ थे। यूसुफ में रनों की भूख 2006 में देखने को मिली जब उन्होंने टेस्ट मैचों में एक कैलेंडर वर्ष में 1788 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया और सर विवियन रिचर्ड्स के सर्वोच्च रनों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा। यह रिकॉर्ड आज भी मौजूद है। 1970 के दशक के स्टाइलिश बल्लेबाज जहीर अब्बास, जिन्हें 'एशियन ब्रैडमैन' कहा जाता है, इसी तरह रनों की भूख की वजह से इस स्लॉट के लिए एक मजबूत दावेदार हैं। उन्होंने 47 रनों की औसत और 84 रन की स्ट्राइक रेट से रन बनाए लेकिन यह केवल 62 मैचों के लिए था। वहीं युसूफ ने 288 मैचों में 9720 रन बनाये हैं और इंजमाम को छोड़कर कोई भी पाकिस्तानी बल्लेबाज इतने रन नहीं बना सका है। लंबे समय तक एक बल्लेबाज के रूप में उत्कृष्टता के आधार पर यूसुफ इस नंबर पर फिट बैठते हैं। ऑलराउंडर #6 इमरान खान

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वसीम अकरम और वकार यूनुस के रूप में पाकिस्तान ने आधुनिक युग के दो तेज़ गेंदबाज़ दिए हैं। उन दोनों के संन्यास के बाद भी देश में युवा और रोमांचक प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, लेकिन कोई भी इन दो महान गेंदबाजों के सक्षम नहीं आ पाया है। यह सब पाकिस्तान के सबसे बड़े सुपरस्टार इमरान खान के बिना संभवतः मुमकिन नहीं हो सकता था, जिसने पाकिस्तान की तेज गेंदबाजी को आर्कषक बना दिया। तेज गेंदबाज के रूप में उनकी असाधारण सफलता देश में युवा तेज गेंदबाजों के लिए प्रेरणा का एक विशाल स्रोत थी। वह ऑलराउंडरों की चौकड़ी (रिचर्ड हेडली, इयान बॉथम और कपिल देव) में से एक थे। जिन्होंने 1980 के दशक में दर्शकों को उत्साहित किया और उन्हें कई क्रिकेट पंडितो ने सबसे महान करार दिया। एक तेज गेंदबाज और एक बल्लेबाज के रूप में उनके असाधारण कौशल से पाकिस्तान ने कई अनगिनत मैचों में जीत हासिल की और उन्हें टीम का सबसे मूल्यवान सदस्य बनाया। उनका टेस्ट रिकार्ड अपने एकदिवसीय रिकॉर्ड से ज्यादा शानदार दिखता है, लेकिन वह क्रिकेट के छोटे प्रारूप में अपने समय के लीडिंग ऑल राउंडर्स में से एक थे। देश के इस महान क्रिकेटर के नाम के बिना कभी भी पाकिस्तान एकादश को चुना नहीं जा सकता है। 1992 में पाकिस्तान को विश्वकप जिताने वाले कप्तान इमरान इस टीम की जिम्मेदारी भी उठायेंगे। विकेटकीपर #7 मोइन खान

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मोइन खान का नाम एकदिवसीय और टेस्ट क्रिकेट की रिकॉर्ड की लिस्ट में नहीं पाया जाता है लेकिन जब बात पाकिस्तानी क्रिकेट की आती है तो मोइन की गिनती महान खिलाड़ियों में होती है। एकदिवसीय क्रिकेट में पाकिस्तान की तरफ से शायद ही उनसे अच्छा विकेटकीपर रहा है। वह एक बेहतरीन विकेटकीपर थे और निचले क्रम वाले बल्लेबाज थे जो जोरदार झटके देने में सक्षम था। कई अवसरों पर उन्होंने पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ मिलकर कई महत्वपूर्ण साझेदारियां की। 1999 विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नंबर 9 पर आकर 12 गेंदों पर नाबाद 31 रन बनाये, जो महत्वपूर्ण अंक साबित हुए और इसी कारणवश ऑस्ट्रेलिया 10 रन पीछे रह गया। जल्दी रन बनाने की क्षमता उन्हें राशिद लतीफ से आगे ले जाती थी, जिन्होंने मोइन खान को विकेटकीपर स्लॉट पर कड़ी टक्कर दी। मोइन खान ने 219 एकदिवसीय मैचों में 23 की औसत और 81 की स्ट्राइक रेट से 3266 रन बनाये। उन्होंने 214 कैच लिये और 73 स्टंपिंग की। पाकिस्तान के तत्कालीन विकेट कीपर सरफराज अहमद एकदिवसीय और टेस्ट दोनों में ही अच्छे नंबर प्राप्त कर चुके हैं और वह इस पोजिशन के मजबूत दावेदार हैं लेकिन अभी तक उन्होंने सिर्फ 80 मैच खेले हैं, लिहाज़ा इस सर्वकालिक टीम में जगह नहीं बना पाए। गेंदबाज #8 वसीम अकरम

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1992 विश्वकप जीतने के बाद इमरान खान ने संन्यास की घोषणा कर दी लेकिन पाकिस्तानी टीम में पेस बॉलिंग को लेकर चिंता बिल्कुल नहीं थी क्योंकि उनके बाद पाकिस्तानी तेज़ गेंदबाज़ी का भविष्य वसीम अकरम के हाथों में था। वसीम अकरम के रूप में उनके पास एक घातक गेंदबाज था, अकरम भी विश्वकप के नायक थे और उन्होंने फाइनल में 3/49 विकेट हासिल कर इंग्लैंड को हार की ओर ढकेल दिया था। उन्होंने इमरान से नेतृत्व का पदभार संभाला और महानता की श्रेणी में आ गये। अकरम के हाथ में जब गेंद होती थी, तब जिस तरह का जादू मैदान पर होता था वह किसी अन्य गेंदबाज़ द्वारा दोहराना मुश्किल होता था। यॉर्कर, धीमी गेंद, बाउंसर, इनस्विंगर, आउटस्विंग अकरम के खजाने में ये सारे बेहतरीन गुण थे। उनके पास विविधिताओं का भंडार था जिसे बताने के लिए उनके आंकड़े काफी हैं, बाएं हाथ के इस दिग्गज तेज़ गेंदबाज़ ने 356 वनडे मैचों में 502 विकेट लिए हैं। गेंद के साथ उनकी कलाबाजी का कारनामा यह नहीं खत्म होता है। अकरम एकदिवसीय क्रिकेट में 500 विकेट का आंकड़ा छूने वाले पहले गेंदबाज भी थे। मुथैया मुरलीधरन को छोड़कर कोई भी गेंदबाज इस आंकड़े को छू नहीं पाया है। तो इस गेंदबाज से बढ़कर कोई और गेंदबाज इस लिस्ट में उनकी जगह नहीं ले सकता है। #9 वकार यूनुस

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इस लिस्ट में वकार यूनुस का चयन बिल्कुल आसान है। लोग अक्सर कहते हैं कि तेज गेंदबाज़ जोड़े में शिकार हैं और 'वसीम-वकार' की जोड़ी खेल के पूरे इतिहास में सबसे घातक थी। वकार , रन देने के मामले में अकरम से ज्यादा महंगे साबित होते थे लेकिन वह विकेट लेने में माहिर थे। अकरम के साथ 1990 के दशक में उन्होंने दुनिया के सभी भागों में अपना आंतक मचाया। वह जबरदस्त गति से गेंदबाजी करने में सक्षम थे और जब यॉर्कर की बारी आती थी तो उनके जैसा कोई नहीं होता था। वकार का नाम आते ही पहली छवि दिमाग़ में आती है वह है यॉर्कर, कि किस तरह बल्लेबाज़ों के पैरों के बीच से होते हुए बॉल स्टंप को उखाड़ फेकती थी। वह अपने समय में सबसे तेज 300 विकेट चटकाने वाले गेंदबाज थे और कुछ ही मैचों के बाद ब्रेट ली ही उस आंकड़े पर पहुंच पाये हैं। उनके खाते में 262 मैचों में कुल 416 विकेट दर्ज हैं। उन्होंने अपने एकदिवसीय करियर में कुल 13 बार पांच विकेट हासिल किए हैं। दूसरे स्थान पर मौजूद मुथैया मुरलीधरन ने यह कारनामा वकार से 3 बार कम और 100 मैच अधिक खेलने के बाद किया है। #10 शोएब अख्तर

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वसीम अकरम और वकार यूनुस की जोड़ी 1990 के दशक में पूरी तरह से राज कर रही थी और बहुत सारे युवा और प्रतिभाशाली गेंदबाजों की प्रतिभा उनके आगे छुप जा रही थी। लेकिन शोएब अख्तर की गति ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में तहलका मचा दिया था और इसी कला ने उन्हें टीम में वसीम और वकार के साथ लाकर खड़ा कर दिया था। शोएब अविश्वसनीय रूप से काफ़ी लंबी दूरी से दौड़ते हुए विकेट पर आते थे और 150 किमी प्रति घंटे से अधिक गति से नियमित तौर पर गेंदबाज़ी करते थे। कई मौकों पर, उन्होंने बेहतरीन बल्लेबाजों को तेज गति से हरा दिया। पुछल्ले बल्लेबाज़ों पर तो शोएब क़हर बनकर टूटते थे। शोएब के साथ कई अनुशासनात्मक मुद्दे थे और उन्हें अक्सर 'पाकिस्तान क्रिकेट का बैड ब्वॉय' कहा जाता था। उनका गेंदबाजी एक्शन भी तीव्र जांच के तहत आया था। लेकिन जब वह फिट हो और अपनी लय में रहते थे वह दुनिया के किसी भी बल्लेबाजी लाइन-अप को तहस नहस कर सकते थे। भले ही वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 'महान' के टैग को प्राप्त करने में पीछे हो सकते हैं, लेकिन उन्होंने इस टीम में जगह बनाने के लिए पर्याप्त क्षमता है। #11 सकलैन मुश्ताक

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जिस तरह से मुरलीधरन ने ‘दूसरा’ को इजाद किया शायद ही कोई इस हथियार को भूल सकता हो। आज के दौर में यह एक्शन हर एक ऑफ स्पिनर की तरकश का मुख्य तीर बन चुका है और अब यह अधिकतर ऑफ स्पिनरों द्वारा प्रयोग किया जाता है। शकलैन मुश्ताक पहले गेंदबाज थे जिन्होंने सबसे पहले इस नवीन डिलीवरी का इस्तेमाल महान प्रभाव से किया था और कई बल्लेबाजों को जोरदार झटका दिया था। अपने उत्थान में वह एक अद्भुत विकेट लेने वाले गेंदबाज थे और अपने पूरे करियर के दौरान 168 मैचों में 288 विकेट उनके एकदिवसीय रिकॉर्ड का सबूत है। उनके नाम पर उनके दो एकदिवसीय हैट्रिक भी हैं, उनके अलावा वसीम अकरम और चामिंडा वास ही ऐसा कारनाम कर सके हैं। यह अविश्वसनीय है कि 2003 में 27 वर्ष की आयु में इस बेहतरीन गेंदबाज ने अपना अंतिम एकदिवसीय मैच खेला था। हमारी टीम में सकलैन फ्रंटलाइन स्पिनर होंगे। लेखक- प्रवीन एनवीएस अनुवादक- सौम्या तिवारी