वसीम अकरम और वकार यूनुस के रूप में पाकिस्तान ने आधुनिक युग के दो तेज़ गेंदबाज़ दिए हैं। उन दोनों के संन्यास के बाद भी देश में युवा और रोमांचक प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, लेकिन कोई भी इन दो महान गेंदबाजों के सक्षम नहीं आ पाया है। यह सब पाकिस्तान के सबसे बड़े सुपरस्टार इमरान खान के बिना संभवतः मुमकिन नहीं हो सकता था, जिसने पाकिस्तान की तेज गेंदबाजी को आर्कषक बना दिया। तेज गेंदबाज के रूप में उनकी असाधारण सफलता देश में युवा तेज गेंदबाजों के लिए प्रेरणा का एक विशाल स्रोत थी। वह ऑलराउंडरों की चौकड़ी (रिचर्ड हेडली, इयान बॉथम और कपिल देव) में से एक थे। जिन्होंने 1980 के दशक में दर्शकों को उत्साहित किया और उन्हें कई क्रिकेट पंडितो ने सबसे महान करार दिया। एक तेज गेंदबाज और एक बल्लेबाज के रूप में उनके असाधारण कौशल से पाकिस्तान ने कई अनगिनत मैचों में जीत हासिल की और उन्हें टीम का सबसे मूल्यवान सदस्य बनाया। उनका टेस्ट रिकार्ड अपने एकदिवसीय रिकॉर्ड से ज्यादा शानदार दिखता है, लेकिन वह क्रिकेट के छोटे प्रारूप में अपने समय के लीडिंग ऑल राउंडर्स में से एक थे। देश के इस महान क्रिकेटर के नाम के बिना कभी भी पाकिस्तान एकादश को चुना नहीं जा सकता है। 1992 में पाकिस्तान को विश्वकप जिताने वाले कप्तान इमरान इस टीम की जिम्मेदारी भी उठायेंगे।