1992 विश्वकप जीतने के बाद इमरान खान ने संन्यास की घोषणा कर दी लेकिन पाकिस्तानी टीम में पेस बॉलिंग को लेकर चिंता बिल्कुल नहीं थी क्योंकि उनके बाद पाकिस्तानी तेज़ गेंदबाज़ी का भविष्य वसीम अकरम के हाथों में था। वसीम अकरम के रूप में उनके पास एक घातक गेंदबाज था, अकरम भी विश्वकप के नायक थे और उन्होंने फाइनल में 3/49 विकेट हासिल कर इंग्लैंड को हार की ओर ढकेल दिया था। उन्होंने इमरान से नेतृत्व का पदभार संभाला और महानता की श्रेणी में आ गये। अकरम के हाथ में जब गेंद होती थी, तब जिस तरह का जादू मैदान पर होता था वह किसी अन्य गेंदबाज़ द्वारा दोहराना मुश्किल होता था। यॉर्कर, धीमी गेंद, बाउंसर, इनस्विंगर, आउटस्विंग अकरम के खजाने में ये सारे बेहतरीन गुण थे। उनके पास विविधिताओं का भंडार था जिसे बताने के लिए उनके आंकड़े काफी हैं, बाएं हाथ के इस दिग्गज तेज़ गेंदबाज़ ने 356 वनडे मैचों में 502 विकेट लिए हैं। गेंद के साथ उनकी कलाबाजी का कारनामा यह नहीं खत्म होता है। अकरम एकदिवसीय क्रिकेट में 500 विकेट का आंकड़ा छूने वाले पहले गेंदबाज भी थे। मुथैया मुरलीधरन को छोड़कर कोई भी गेंदबाज इस आंकड़े को छू नहीं पाया है। तो इस गेंदबाज से बढ़कर कोई और गेंदबाज इस लिस्ट में उनकी जगह नहीं ले सकता है। #9 वकार यूनुस
इस लिस्ट में वकार यूनुस का चयन बिल्कुल आसान है। लोग अक्सर कहते हैं कि तेज गेंदबाज़ जोड़े में शिकार हैं और 'वसीम-वकार' की जोड़ी खेल के पूरे इतिहास में सबसे घातक थी। वकार , रन देने के मामले में अकरम से ज्यादा महंगे साबित होते थे लेकिन वह विकेट लेने में माहिर थे। अकरम के साथ 1990 के दशक में उन्होंने दुनिया के सभी भागों में अपना आंतक मचाया। वह जबरदस्त गति से गेंदबाजी करने में सक्षम थे और जब यॉर्कर की बारी आती थी तो उनके जैसा कोई नहीं होता था। वकार का नाम आते ही पहली छवि दिमाग़ में आती है वह है यॉर्कर, कि किस तरह बल्लेबाज़ों के पैरों के बीच से होते हुए बॉल स्टंप को उखाड़ फेकती थी। वह अपने समय में सबसे तेज 300 विकेट चटकाने वाले गेंदबाज थे और कुछ ही मैचों के बाद ब्रेट ली ही उस आंकड़े पर पहुंच पाये हैं। उनके खाते में 262 मैचों में कुल 416 विकेट दर्ज हैं। उन्होंने अपने एकदिवसीय करियर में कुल 13 बार पांच विकेट हासिल किए हैं। दूसरे स्थान पर मौजूद मुथैया मुरलीधरन ने यह कारनामा वकार से 3 बार कम और 100 मैच अधिक खेलने के बाद किया है।