पाकिस्तान के 36 वर्षीय ऑलराउंडर शाहिद आफ़रीदी, जिन्होंने टेस्ट और वनडे क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। आफ़रीदी ने टी20 की कप्तानी भी छोड़ दी है, लेकिन पाकिस्तान के लिए क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट में खेलते रहने की ख़्वाहिश अभी भी उनके दिल में ज़िंदा है। क्रिकेट के सारे फॉर्मेट से संन्यास के बारे में जब भी आफ़रीदी से पूछा जाता है तो वह कुछ बोलने से परहेज़ करते हैं और कभी कुछ ऐसा कह जाते हैं जो विवाद को जन्म दे देता है। हाल ही में BBC URDU के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने कुछ ऐसा ही कह दिया। आफ़रीदी ने साफ़ शब्दों में कहा कि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में जैसी ज़रूरत होनी चाहिए पाकिस्तान क्रिकेट के पास वह क्षमता नहीं है, जिससे पाकिस्तान क्रिकेट का भविष्य ख़तरे में है। हालांकि आफ़रीदी ने ये भी कहा कि वह अभी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के साथ अनुबंधित हैं इसलिए ज़्यादा नहीं बोल सकते। "पाकिस्तान में इस वक़्त कोई प्रतिभा नहीं है, हमारे मुल्क में उस तरह के क्रिकेटर्स नहीं है जिनकी बदौलत अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में क़ामयाब हुआ जा सके। जो पाकिस्तान क्रिकेट के भविष्य के लिए अच्छा नहीं, हालांकि मैं ज़्य़ादा नहीं बोल सकता क्योंकि अभी मैं बोर्ड के साथ अनुबंधित हूं, वनरा कल मेरे घर पर एक नोटिस आ जाएगी। पाकिस्तान टीम में कैसे क्रिकेटर्स का चयन होता है संन्यास के बाद इसका भी ख़ुलासा करूंगा।" : शाहिद आफ़रीदी अपने बारे में भी आफ़रीदी ने खुलकर बोला और कहा कि न मैं कभी टीम पर बोझ था और न कभी बनूंगा। "मुझे नहीं लगता कि मैं कभी टीम पर बोझ था या बनूंगा, हमेशा मैंने इज़्ज़त के लिए खेला और गर्व के साथ वनडे और टेस्ट छोड़ा। मैंने सोचा था पाकिस्तान को एक अच्छी टीम बनाकर संन्यास ले लूंगा लेकिन मुझे नहीं लगता कि ये सही मौक़ा है। अभी जो खिलाड़ी खेल रहे हैं, उनसे कहीं अच्छा मैं हूं। मैंने इन्ज़ी भाई (इंजमाम-उल-हक़) को भी कहा है कि पहले उन्हें मौक़ा दे दीजिए और जब आपको लगे कि टीम को मेरी ज़रूरत है, मैं हाज़िर रहूंगा।" :शाहिद आफ़रीदी शाहिद आफ़रीदी का BBC URDU को दिए गए इंटरव्यू को आप यहां देख सकते हैं:
ज़ाहिर तौर पर आफ़रीदी का ये बयान पाकिस्तान क्रिकेट को झकझोर कर रखने के लिए काफ़ी है, देखना है संन्यास की बात पर हमेशा यू टर्न लेने वाले आफ़रीदी इस बात से तो पीछे नहीं हटेंगे ?