पाकिस्तान क्रिकेट टीम के स्टार ओपनर और पूर्व कप्तान मोहम्मद हफ़ीज़ एक बार फिर गेंदबाज़ी के लिए तैयार हैं। हालांकि इसके लिए उन्हें अभी इंतज़ार करना पड़ेगा क्योंकि हफ़ीज़ को एक बार फिर ICC के गेंदबाज़ी परीक्षण से गुज़रना पड़ेगा। जुलाई 2015 में ICC ने मोहम्मद हफ़ीज़ की गेंदबाज़ी पर रोक लगा दी थी और उन्हें एक साल के लिए गेंदबाज़ी करने से बैन कर दिया था। लॉर्ड्स टेस्ट के चौथे दिन ही हफ़ीज़ के बैन की अवधि समाप्त हो गई थी, लेकिन उन्हें गेंदबाज़ी करने के लिए अभी और इंतज़ार करना होगा। हफ़ीज़ अब पूरी तरह से अपना ध्यान गेंदबाज़ी पर भी देते हुए नज़र आ रहे हैं, राष्ट्रीय खेल अकादमी और टीम के साथ नेट्स में भी वह अब गेंदबाज़ी कर रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इंग्लैंड के ख़िलाफ़ खेली जा रही इस सीरीज़ के अंत में उन्हें एक बार फिर ICC के सामने गेंदबाज़ी टेस्ट के लिए उपलब्ध होना होगा। पाकिस्तान के पूर्व ऑफ़ स्पिनर और मौजूदा राष्ट्रीय चयनकर्ता तौसिफ़ अहमद भी हफ़ीज़ की गेंदबाज़ी को लेकर काफ़ी उत्साहित हैं, हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि इंग्लैंड के ख़िलाफ़ मौजूदा सीरीज़ में तो हफ़ीज़ का गेंदबाज़ी करना संभव नहीं, लेकिन ICC की ओर से उन्हें हरी झंडी मिलना पाकिस्तान क्रिकेट के लिए शानदार होगा। "ऐसी तो उम्मीद नहीं है कि इंग्लैंड के ख़िलाफ़ हफ़ीज़ मौजूदा सीरीज़ में गेंदबाज़ी करें, लेकिन जब भी उनके गेंदबाज़ी ऐक्शन को हरी झंडी मिलेगी, वह टीम के लिए फ़ायदेमंद होगा। उनके गेंदबाज़ी करने से टीम का संतुलन काफ़ी अच्छा हो जाता है। बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के लिए हफ़ीज़ की ऑफ़ स्पिन काफ़ी असरदार साबित होती है।" : तौसिफ़ अहमद मोहम्मद हफ़ीज़ के गेंदबाज़ी ऐक्शन पर बैन लगने की सबसे बड़ी वजह थी गेंदबाज़ी करते हुए उनका पाउज़ लेना, अंतिम समय पर वह थोड़ा रुक कर गेंदबाज़ी करते थे, जिससे गेंदबाज़ी करते हुए उनकी कोहनी 15 डीग्री से ज़्यादा का कोण बना लेती थी। आईसीसी के नियमानुसार गेंदबाज़ अपनी कोहनी 15 डीग्री से ज़्यादा नहीं मोड़ सकता।