ई-वॉलेट कंपनी पेटीएम ने अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट मैचों के लिए प्रायोजन अधिकार बरकरार रखे हैं। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने इसकी घोषणा की है। इस बार प्रत्येक मैच की बोली 3.80 करोड़ रुपये लगी। इससे पहले, पेटीएम की कंपनी वन 97 कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड ने 2015 में चार साल के लिए अधिकार हासिल किए थे।
बीसीसीआई ने जानकारी दी कि बोली 326.80 करोड़ रुपये थी, जो 2019-23 घरेलू सत्र के लिए दी जानी थी। आखिरी बोली 3.80 करोड़ रुपये के लिए लगी, जिससे पिछले मैच की तुलना में 58 प्रतिशत का इजाफा हुआ। क्रिकेट बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी ने कहा कि मुझे यह बताते हुए हर्ष महसूस हो रहा है कि पेटीएम बीसीसीआई की घरेलू सीरीज का टाइटल प्रायोजक होगा। यह कंपनी भारत की नई पीढ़ियों की कंपनी में से एक है। हमें गर्व है कि पेटीएम भारतीय क्रिकेट के साथ अपनी प्रतिबद्धता जारी रख रहा है।
पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर वर्मा ने कहा कि हम बीसीसीआई और भारतीय क्रिकेट टीम के साथ अपने जुड़ाव को जारी रखकर काफी रोमांचित महसूस कर रहे हैं। भारतीय क्रिकेट के साथ हमारी प्रतिबद्धता हर बार मजबूत होती जा रही है। बता दें कि 2015 में पेटीएम ने 203.28 करोड़ में राइट्स खरीदे थे। टीम इंडिया को भारत में अगली सीरीज दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सितंबर में खेलनी है। पिछली बार पेटीएम हर मैच के 2.4 करोड़ रुपये देता था। जुलाई में टीम की जर्सी का स्पॉन्सर ओप्पो से बदलकर बायजू हुआ था। यह मार्च 2022 तक रहेगा। ओप्पो ने मार्च 2017 में पांच साल के लिए 1079 करोड़ रुपये का करार किया था, पर वह जुलाई में हट गया। बायजू भी बोर्ड को उतनी राशि देगी, जितनी ओप्पो दे रही थी। किट स्पॉन्सर नाइकी के साथ 2020 तक के लिए 370 करोड़ रुपये का करार है। यह करार 2016 में हुआ था।
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