पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष शहरयार खान का मानना है कि भारतीय टीम पाकिस्तान के खिलाफ द्विपक्षीय सीरीज इसलिए नहीं खेलती क्योंकि उसे हार का डर रहता है। दोनों टीमों के बीच 2012 के बाद से कोई भी द्विपक्षीय सीरीज नहीं हुई है। हाल ही में समाप्त हुई चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में भारत के खिलाफ पाकिस्तान की टीम ने 180 रनों के बड़े अंतर से जीत हासिल की है। इस जीत की वजह से पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष का आत्मविश्वास काफी बढ़ा हुआ है और वो इस बहाने भारतीय टीम को चुनौती पेश कर रहे हैं। 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले के बाद से दोनों देशों के बीच क्रिकेट के रिश्ते भी बिगड़ गये थे। जिस वजह से 2012 की सीरीज छोड़ दे तो दोनों टीमें सिर्फ आईसीसी के टूर्नामेंट में ही साथ खेलती नजर आती हैं। आईसीसी के मैचों में हमेशा भारत का ही पलड़ा भारी रहा है लेकिन एक जीत ने ही पीसीबी अध्यक्ष का मनोबल काफी बढ़ा दिया है। आईसीसी विश्वकप और वर्ल्ड टी20 में खेले सारे 11 मैच भारत ने अपने नाम किये हैं वहीं चैंपियंस ट्रॉफी में मामला 2-2 से बराबर है। एक रिपोर्ट के मुताबिक शहरयार खान ऐसा सोचते हैं कि भारतीय टीम इसलिए लगातार द्विपक्षीय सीरीज खेलने से इंकार करती आई है क्योंकि वो पाकिस्तान टीम से खौफ खाती है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री द्वारा खिलाड़ियों के लिए आयोजित कार्यक्रम में शहरयार खान ने कहा, "चैंपियंस ट्रॉफी की जीत के बाद मैंने द्विपक्षीय सीरीज के लिए भारतीय टीम को न्योता दिया लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया क्योंकि वो हमारे साथ खेलने से डरते हैं"। बीसीसीआई और पीसीबी के बीच हुए एक समझौते के मुताबिक दोनों टीमों को 2015 से 2023 तक कई द्विपक्षीय श्रृंखला खेलने थे लेकिन भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि जब तक सीमा पार आतंकवाद का समर्थन बंद नहीं होगा तब तक पाकिस्तान के साथ कोई द्विपक्षीय क्रिकेट संबंध नहीं बनाया जायेगा।