कश्मीर प्रीमियर लीग को लेकर बीसीसीआई (BCCI) पर आरोप लगाने वाले हर्शल गिब्स पर बोर्ड के एक अधिकारी ने बयान दिया है। इसके अलावा पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड से बीसीसीआई (BCCI) ने कहा कि भारत के अंदर होने वाली क्रिकेट गतिविधियों में भाग लेने की अनुमति देने या नहीं देने का अधिकारी बोर्ड के पास है।
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने एएनआई से कहा कि पीसीबी एक ऐसे पूर्व खिलाड़ी के आरोपों की पुष्टि भी नहीं कर रही और मना भी नहीं कर रही जो पहले मैच फिक्सिंग में सीबीआई जांच का सामना कर चुका है। बोर्ड अधिकारी ने यह भी कहा कि अगर गिब्स के बयान को सही भी मान लिया जाए, तो भारत में क्रिकेट ईकोसिस्टम के सम्मान के लिए बीसीसीआई अपने अधिकारों के अंदर काम करेगी। आगे कहा गया कि वर्ल्ड क्रिकेट में अवसर प्रदान करने के लिए बीसीसीआई की मांग सबसे ज्यादा है, ऐसे में पीसीबी को ईर्ष्या नहीं होनी चाहिए।
भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अधिकारी ने यह भी कहा कि पीसीबी भ्रमित दिखाई दे रही है। जिस तरह से पाकिस्तानी मूल के खिलाड़ियों को आईपीएल में भाग लेने की अनुमति नहीं देने का निर्णय किसी आईसीसी सदस्य के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के रूप में नहीं माना जा सकता है, भारत में किसी को क्रिकेटिंग गतिविधि में भाग लेने या नहीं लेने की अनुमति देने का निर्णय पूरी तरह से बीसीसीआई का आंतरिक मामला है।
बोर्ड अधिकारी ने यह भी कहा कि इस मामले को आईसीसी के सामने उठाने को लेकर हम उनका स्वागत करेंगे। उन्हें देखना चाहिए कि क्या मामला आईसीसी के सामने उठाने लायक भी है। पीसीबी आईसीसी के आधिकारिक क्रिकेट वर्गीकरण को अच्छी तरह समझेगा। एक संन्यास लिया हुआ खिलाड़ी टूर्नामेंट में भाग ले रहा है, यह कोई आधिकारिक टूर्नामेंट नहीं होगा और न ही इसे किसी अनुमति की आवश्यकता होगी। मुझे नहीं पता कि पीसीबी का इससे क्या मतलब है और कैसा मतलब वे निकालना चाहते हैं। पीसीबी की स्थिति हमेशा मनोरंजक होती है। उन्हें अपने निर्णय लेने के बजाय क्रिकेट को मनोरंजन के लिए छोड़ देना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि गिब्स के आरोपों के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने बयान जारी करते हुए कहा था कि बीसीसीआई एक पूर्ण आईसीसी सदस्य के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप कर रही है। गिब्स ने आरोप लगाया था कि उन्हें कश्मीर प्रीमियर लीग में खेलने से बीसीसीआई रोक रही है।