नए क्रिकेट कानून के तहत खिलाड़ियों को दुर्व्यवहार के लिए मैदान से बाहर भेजा जा सकेगा

क्रिकेट में मैदान पर खिलाड़ियों के व्यवहार से सम्बंधित नियमों में सुधार के बाद अम्पायर के पास खिलाड़ी का व्यवहार सही होने पर वापस भेजने का अधिकार होगा। नए नियमों को एक अक्टूबर 2017 से लागू किया जा सकेगा। क्रिकेट में नियम बनाने वाली समिति यानि MCC ने इस बात की पुष्टि की, इसके अलावा बल्लेबाजों द्वारा इस्तेमाल होने वाले बल्ले के लम्बाई-चौड़ाई में पाबंदी और रनआउट होने वाले बल्लेबाजों के बल्ले क्रीज में आने के बाद हवा में रहने जैसे नियम में भी बदलाव किया जाना है। पिछले वर्ष मुंबई में MCC की मीटिंग में नए नियमों को लेकर हरी झंडी दी गई। MCC में क्रिकेट के मुखिया जॉन स्टीफंसन ने कहा "हमें लगा कि खिलाड़ियों के ख़राब व्यवहार के लिए प्रतिबन्ध होने चाहिए। शोध से पता चलता है कि नीचे के स्तर पर अम्पायर इसी वजह से यह खेल छोड़ रहे हैं। आशा करते हैं इससे वे अनुशासनात्मक मुद्दों को प्रभावशाली तरीके से सुलझा पाएंगे। बल्ले के नाप के सम्बन्ध में एक वक्तव्य में कहा गया कि बल्ले का कोई भाग या खिलाड़ी के शरीर का कोई अंग गेंद के विकेट से टकराने के समय क्रीज को पार कर गया है, तो उसे नॉटआउट माना जाएगा। लेवल-1 अत्यधिक अपील करने और अम्पायर के फैसले में असहमति जताने पर एक चेतावनी और उसके बाद विपक्षी टीम को पांच पेनल्टी रन दिए जाएंगे। लेवल-2 खेलने के दौरान विपक्षी खिलाड़ी पर गेंद फेंकने या जानबुझकर टकराने पर तुरंत विपक्षी टीम को पांच रन दिए जाएंगे। लेवल-3 अम्पायर को धमकी देने, अन्य खिलाड़ी, टीम के अधिकारी और दर्शक को धमकी देने पर मैच के प्रारूप के आधार पर निर्धारित ओवरों के लिए उस खिलाड़ी को मैदान से बाहर भेजना और पांच पेनल्टी रन विपक्षी टीम को मिलेंगे। लेवल-4 अम्पायर को धमकी देने या किसी भी प्रकार के हिंसात्मक कार्य के लिए पांच पेनल्टी रन विपक्षी टीम को देने के साथ ही उस खिलाड़ी को बाकी मैच के लिए मैदान से बाहर भेज दिया जाएगा। अगर हिंसा के समय खिलाड़ी बल्लेबाजी कर रहा है, तो उसे रिटायर्ड आउट मान लिया जाएगा।

Edited by Staff Editor
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