अपने पहले ही मैच में शतक बनाना किसी भी क्रिकेटर के लिए काफी सुखद अनुभव होता है वहीं इसी मैच में अगर खिलाड़ी बिना खाता खोले आउट हो जाये तो उसे काफी निराशा होती है। लेकिन, कुछ ऐसे भी खिलाड़ी हैं जिन्होंने इन दोनों अनुभवों को महसूस किया है। यहां ऐसे ही 9 खिलाड़ियों के बारे में आपको बता रहे हैं जिन्होंने पहले ही टेस्ट में शतक तो बनाया लेकिन पहले वनडे मैच में खाता भी नहीं खोल पाये: #1 जिमी नीशम (न्यूज़ीलैंड) कीवी ऑलराउंडर जेम्स नीशम जो अपने उपनाम 'जिमी' से ज्यादा जाने जाते हैं, उन्होंने फरवरी 2014 में भारत के खिलाफ दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में नाबाद 137 रन बनाए थे। उन्होंने पहली पारी में 35 गेंदों में 33 रन की पारी खेली थी। हालांकि, उनका एकदिवसीय पदार्पण काफी बुरा रहा था। उन्होंने अपना पहला मैच 19 जनवरी 2013 को पर्ल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला था। जहां वह रेयान मैक्लेरन की गेंद पर बिना खाता खोले LBWआउट हो गए। #2 केन विलियमसन (न्यूज़ीलैंड) न्यूज़ीलैंड के वर्तमान कप्तान केन विलियमसन ने नवंबर 2010 में अपने पदार्पण टेस्ट मैच में अहमदाबाद में भारत के खिलाफ 299 गेंदों पर 131 रनों की धैर्यपूर्ण पारी खेली थी। वहीं 10 अगस्त 2010 को दंबुला में श्रीलंका के खिलाफ एकदिवसीय करियर की शुरुआत करते हुए उन्होंने 9 गेंदों का सामना किया, लेकिन अपना खाता खोले बिना पवेलियन लौट गए। #3 सुरेश रैना (भारत) सुरेश रैना ने कोलंबो में श्रीलंका के खिलाफ अपना पहला टेस्ट मैच खेला था जहां उन्होंने 12 चौके और 2 छक्के की मदद से शानदार 120 रन बनाए थे। भारतीय टीम का स्कोर 241-4 था जिसके बाद सचिन तेंदुलकर के साथ 256 रनों की साझेदारी बनाकर रैना ने भारत को मुश्किल से निकाला था। हालांकि, 2005 में खेले अपने पहले एकदिवसीय मैच में श्रीलंका के खिलाफ ही रैना मात्र 2 गेंद ही खेल पाये और उन्हें मुथैया मुरलीधरन ने बिना खाता खोले शून्य के स्कोर पर LBW आउट कर दिया था। #4 फवाद आलम (पाकिस्तान) पाकिस्तान के बाएं हाथ के बल्लेबाज फवाद आलम ने जुलाई 2009 में कोलम्बो में श्रीलंका के खिलाफ अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी। हालांकि उन्होंने पहली पारी में केवल 16 रन बनाये थे लेकिन दूसरी पारी में उनके बल्ले से शानदार 168 रन आए। फवाद ने 22 मई 2007 को श्रीलंका के खिलाफ ही अबू धाबी में अपना पहला एकदिवसीय मैच खेला था जहां वो दिलहारा फर्नांडो की गेंद पर गोल्डन-डक हो गए थे। #5 जोनाथन ट्रॉट (इंग्लैंड) जोनाथन ट्रॉट ने अगस्त 2009 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना पहला टेस्ट मैच खेला था। जहां उन्होंने पहली पारी में 41 रन बनाए और वहीं दूसरी पारी में शानदार शतक जमाते हुए 119 रन ठोक डाले। इस दौरान वह 331 मिनट तक क्रीज पर टिके रहे और 12 चौके लगाए। उन्होंने अपने एकदिवसीय करियर की शुरुआत भी उसी सप्ताह की थी, जहाँ 27 अगस्त को आयरलैंड के खिलाफ वह तीन गेंदों पर बिना खाता खोले आउट हो गए थे। #6 मैथ्यु सिंक्लेयर (न्यूज़ीलैंड) इस फ़ेहरीस्त में एक और कीवी बल्लेबाज़ का नाम है, मैथ्यु सिंक्लेयर ने दिसंबर 1999 में वेलिंग्टन में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने उस मैच में 22 चौके की मदद से 214 रनों की शानदार पारी खेली थी। उनकी इस पारी की वजह से कीवी टीम ने मैच को एक पारी और 105 रनों से जीत लिया था और उन्हें इस प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। सिंक्लेयर ने 26 फरवरी, 2000 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्राइस्टचर्च में एकदिवसीय मैच में पदार्पण किया था लेकिन इस मैच में उन्हें पहली ही गेंद पर आउट होकर पवेलियन लौटना पड़ा। #7 डेव ह्यूटन (ज़िम्बाब्वे) डेव ह्यूटन ने अक्तूबर 1992 में अपने पदार्पण टेस्ट में ज़िम्बाब्वे की कप्तानी की थी। उन्होंने मैच की पहली पारी में 322 गेंद 121 रन बनाए और दूसरी पारी में 41 रन बनाकर नाबाद रहे थे। वहीं ह्यूटन के लिए वनडे डेब्यू कुछ खास नहीं रहा था, वह 9 जून 1983 को नॉटिंघम में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहली ही गेंद पर आउट हो गए थे। #8 एंड्रयू हडसन (दक्षिण अफ्रीका) अप्रैल 1992 में दक्षिण अफ्रीका के एंड्रयू हडसन ने ब्रिजटाउन में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना पहला टेस्ट मैच खेला था। पहली पारी में उन्होंने 163 रन बनाए जबकि दूसरी पारी में वो खाता नहीं खोल पाये। हालांकि, दक्षिण अफ्रीका यह मैच 52 रनों से हार गया लेकिन हडसन को कर्टली एम्ब्रोस (वेस्टइंडीज) के साथ 'मैन ऑफ द मैच' चुना गया था। हडसन ने 10 नवंबर 1991 को कोलकाता में भारत के खिलाफ एकदिवसीय करियर की शुरुआत की थी। हडसन सिर्फ़ 3 गेंद ही खेल पाए और बिना खाता खोले कपिल देव की गेंद पर किरण मोरे द्वारा विकेट के पीछे लपक लिए गए। #9 सलीम मलिक (पाकिस्तान) सलीम मलिक ने मार्च 1982 में कराची में श्रीलंका के खिलाफ अपना टेस्ट पदार्पण किया था। जहां पहली पारी में वह सिर्फ 12 रन बना पाये थे लेकिन उन्होंने दूसरी पारी में 191 गेंद में नाबाद 100 रन बनाये। मलिक ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 12 जनवरी 1982 को सिडनी में अपना पहला एकदिवसीय मैच खेला था, जहां उन्हें जोएल गार्नर ने पहली गेंद पर बोल्ड कर दिया था। लेखक- टेविन जोसेफ अनुवादक- ऋषिकेश सिंह