इंग्लैंड के ख़िलाफ़ आने वाली टी -20 श्रृंखला भारत को इंग्लैंड की परिस्थितियों में ढलने और आगे की मुश्किल चुनौतियों की तैयारी का अवसर प्रदान करेंगी। फिटनेस मुद्दों और फॉर्म चिंताओं से निपटने के बाद टीम में आने वाले खिलाड़ी अच्छी तरह से योगदान करने और खुद के प्रदर्शन को बेहतर करने की कोशिश करेंगे। वहीँ मेजबान इंग्लैंड मजबूत शुरूआत के साथ श्रृंखला में बढ़त हासिल करने के लिए जायेगा। हालाँकि वे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज़ में अच्छा प्रदर्शन करने में सफल रहे, लेकिन वे निश्चित रूप से उम्मीद करेंगे कि वो अतिआत्मविश्वास का शिकार नही हों, जैसा कि स्कॉटलैंड के खिलाफ हुआ था। जैसा कि प्रतीत होता है, श्रृंखला बेहद प्रतिस्पर्धी होने जा रही है। जहाँ इंग्लैंड घर पर छोटे प्रारूप में अपना प्रभुत्व बढ़ाना चाहेगा, वहीँ भारतीय टीम मेजबान को उनके घर पर हरा कर अपना लोहा मनवाना चाहेगी। प्रशंसकों को एक बेहद प्रतिस्पर्धी श्रृंखला की उम्मीद करनी चाहिए, क्योंकि ये वो टीमें हैं जो पिछले दो सालों से असाधारण रूप से अच्छी क्रिकेट खेल रही हैं। आइए एक नज़र डालें ऐसे खिलाड़ियों पर जिनपर इस श्रृंखला में सभी की नज़रें होंगी।
# 1 विराट कोहली
गर्दन की चोट के चलते काउंटी क्रिकेट खेलने का मौका खोने के बाद, कोहली इस श्रृंखला में जल्दी ही अपनी छाप छोड़ना चाहेंगे। 2014 में आखिरी बार जब उन्होंने इंग्लैंड का दौरा किया, तो उन्होंने टेस्ट सीरीज़ में 13.40 की औसत से 10 पारियों में 134 रन बनाये थे और एकदिवसीय मैचों में 18 रनों की औसत से 4 पारियों में 54 रन बनाए। इस बार, श्रृंखला सीमित ओवर मैचों के साथ शुरू हो रही है। इस श्रृंखला में एक अच्छा प्रदर्शन उनके आत्मविश्वास के स्तर को काफी बढ़ा देगा और टेस्ट मैचों के लिए उन्हें अच्छी तरह से तैयार रखेगा। कुल मिलाकर, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच शतक और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2 शतक के साथ उनका विदेशी टेस्ट मैचों में अच्छा रिकॉर्ड है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ में, उनका बेहतर ऑफ स्टंप गेम रहा था। वह अपने आलोचकों का मुंह यह दिखाकर बंद करना चाहते हैं कि इंग्लैंड में स्विंग और सीमिंग की स्थिति में जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड जैसे गेंदबाजों के खिलाफ सफल होने के लिए उनके पास आवश्यक कौशल है।
# 2 सुरेश रैना
फिटनेस की समस्या के कारण अंबाती रायुडू को वनडे सीरीज़ से हटा दिया गया था, और रैना को उनके प्रतिस्थापन के रूप में तैयार किया गया है। वह टी -20 सीरीज़ में मिलने वाले अवसरों को भुनाना चाहेंगे, जिससे वनडे में मध्य क्रम के लिए दावा पेश कर सकें। इस प्रकार, आने वाले विश्व कप में खेलने के लिए वो अपनी संभावनाएं मजबूत कर सकेंगे। भारत का मध्य क्रम दाएं हाथ के बल्लेबाजों से भरा है, वनडे में उनकी जैसी क्षमता का एक बाएं हाथ का बल्लेबाज़ टीम में होना, जो बल्लेबजी के साथ ही गेंदबाज़ी और शानदार क्षेत्ररक्षण कर सके किसी भी टीम को मजबूती देती है। इंग्लैंड में उनका अच्छा रिकॉर्ड है, और यह बात उन्हें अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करेगी। 2014 में आखिरी बार, जब उन्होंने वनडे के लिए इंग्लैंड का दौरा किया, तो उन्होंने टेस्ट में बुरी तरह हारने वाली भावनात्मक और मानसिक रूप से कमजोर भारतीय टीम में विश्वास उत्त्पन्न किया और उन्हें श्रृंखला में जीत दिलाई।
# 3 भुवनेश्वर कुमार
फिटनेस समस्या के चलते, भुवनेश्वर कुमार इंडियन प्रीमियर लीग 2018 में अपनी फ्रैंचाइजी सनराइज़र्स हैदराबाद के लिए नियमित नहीं खेल सके थे। अफगानिस्तान के खिलाफ एकमात्र टेस्ट मैच में आराम करने के बाद, टीम प्रबंधन उम्मीद करेगा कि वह श्रृंखला की शुरुआत से ही पूरी तरह से फिट रहे। आगामी श्रृंखला में भारत के लिए उनकी फॉर्म और फिटनेस महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह ऐसा गेंदबाज़ हैं जो अपनी स्विंग गेंदबाजी से विरोधी टीम को परेशान कर सकते है और साथ ही बल्ले के साथ भी योगदान दे सकते हैं। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे श्रृंखला में और फिर आईपीएल में, उन्होंने थोडा संघर्ष किया और नियमित विकेट लेने में सफल नही रहे। हाल के वर्षों में, वह भारतीय तेज़ गेंदबाजी के अगवा रहे हैं। इस श्रृंखला में, वह इस परेशानी को दूर कर और फिर से गेंदों से विकेट निकलना चाहेंगे। अगर भारत को इंग्लैंड में सफल होना है, तो भुवी को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा, और इसके लिए, टी 20 आई उनके लिए शुरुआत करने का एक आदर्श मंच होगा।
# 4 जेसन रॉय
इंडियन प्रीमियर लीग 2018 में कुछ ख़ास न कर पाने के बाद, जेसन रॉय ने आखिरकार ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना फॉर्म वापस पा लिया। इसमें कोई संदेह नहीं है कि वह एक प्रभावशाली खिलाड़ी हैं, लेकिन वह अक्सर अच्छी शुरूआत को बड़े स्कोर में परिवर्तित करने में नाकाम रहते हैं। इसके अलावा, उन्हें स्पिनरों के खिलाफ अपना खेल सुधारने की जरूरत है। इंग्लैंड टीम प्रबंधन चाहेगा कि वह इस श्रृंखला में अपने खेल में एक स्थिरता ले आयें क्योंकि वह ऐसे ख़िलाड़ी हैं जो कुछ ही ओवरों में मैच के हालात को बदल सकते है। सीमित ओवेरों के मैचों में सलामी बल्लेबाज़ी के दो स्लॉट्स के लिए ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध श्रृंखला में बढती प्रतिस्पर्धा के बीच उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। वह लगातार अच्चा प्रदर्शन करने और इन दो स्पॉट्स में से एक में अपना मुक़र्रर करना चाहेंगे। वह उन खिलाड़ियों में से एक हैं जो आने वाले क्रिकेट विश्व कप में इंग्लैंड के विश्व चैंपियन बनने के सपने को पूरा कर सकते हैं।
# 5 एलेक्स हेल्स
वर्तमान में इंग्लैंड की टीम, इस मामले में बहुत भाग्यशाली है कि उसके बल्लेबाज़ी क्रम में शीर्ष पर बहुत सारे तेज़ गति से रन बनाने वाले और बड़े हिटर्स हैं, जो कि पहले इस टीम के साथ नही था। वर्तमान इंग्लैंड वनडे सेटअप में जेसन रॉय, जॉनी बेयरस्टो और एलेक्स हेल्स जैसे खिलाड़ी सलामी बल्लेबाज़ी के एक स्थान के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। रॉय की तरह, हेल्स के नाम भी एक खराब आईपीएल था, और बेन स्टोक्स की वापसी के साथ बहुत हद्द तक संभव है कि उन्हें बेंच पर बैठना पड़े। ऐसे में जब उन्होंने और आदिल रशीद ने केवल व्हाइट बॉल क्रिकेट खेलने का विकल्प चुना है, वह श्रृंखला को अपने लिए एक बड़े मंच की तरह उपयोग करेंगे जहाँ कुछ अच्छे स्कोर बनाकर वह वनडे की अंतिम एकादश में भी अपनी जगह पक्की करना चाहेंगे। लेखक: कुमुद रॉय अनुवादक: राहुल पांडे