टेस्ट इतिहास के ऐसे बल्लेबाज़ जिन्होंने एक क्रम पर खेली सबसे ज़्यादा पारियां

A COOK

क्रिकेट जगत में टेस्ट क्रिकेट का फॉर्मेट काफी अहम माना जाता है। अगर किसी खिलाड़ी को क्रिकेट में बेहतरीन करियर स्थापित करना है तो टेस्ट क्रिकेट ही एक ऐसा फॉर्मेट है जहां वो चुनौतियों का सामना कर अच्छे करियर की ओर अग्रसर हो सकता है। पांच दिन तक चलने वाले इस क्रिकेट फॉर्मेट में धैर्य काफी मायने रखता है। धैर्य के अलावा जो खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट में समर्पण और एकाग्रता दिखाता है वो क्रिकेट के छोटे प्रारूपों में भी अच्छा खेल दिखाने की क्षमता रखता है। विपरीत हालात में भी खिलाड़ियों को टेस्ट क्रिकेट में अपनी अहम भूमिका अदा करनी होती है ताकि टीम को मजबूत स्थिति में लाया जा सके। आइए कुछ ऐसे ही खिलाड़ियों पर नजर डालते हैं जिन्होंने टेस्ट क्रिकटे के इतिहास में प्रत्येक बल्लेबाजी क्रम में सबसे ज्यादा पारियां खेली हैं।

#1 और 2, सलामी बल्लेबाज़ - एलिस्टेयर कुक (इंग्लैंड) - 257 पारियां

एलिस्टेयर कुक ने 2006 में भारत के खिलाफ अपने टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत की थी। जिसके बाद से ही कुक इंग्लैंड की ओर से टेस्ट क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करने वाले बल्लेबाजों में शामिल रहे। कुक ने 270 टेस्ट मैचों की 257 पारियां खेली हैं, जिसमें उन्होंने एक ओपनर के तौर पर टीम की कमान संभाली है, जो कि टेस्ट इतिहास में किसी भी बल्लेबाज के जरिए ओपनिंग करने के लिहाज से सबसे ज्यादा है। इसके साथ ही कुक टेस्ट ओपनर के तौर पर 10,000 से ज्यादा रन बनाने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं। उन्होंने सलामी बल्लेबाज़ के रूप में 29 टेस्ट शतक बनाए हैं, जिसमें 2011 में भारत के खिलाफ एजबस्टन में उन्होंने अपने टेस्ट करियर की सर्वाधिक रनों की पारी खेली। उन्हें भारत के खिलाफ 294 रन बनाए थे, जबकि उनके 2 टेस्ट शतक तीसरे स्थान पर बल्लेबाजी करते हुए आए हैं, जहां कुक की बल्लेबाजी औसत 52.55 है। वहीं ओपनर के तौर पर देखा जाए तो कुक की बल्लेबाजी औसत 45.34 है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि कुक जिस नंबर पर बल्लेबाजी करने आते, वहां अच्छा प्रदर्शन करके ही दम लेते। शानदार बात तो ये रही कि कप्तानी से हटाए जाने के बाद भी टेस्ट में कुक का प्रदर्शन पहले जैसा ही बरकरार रहा। A COOK_STAT

# 3 राहुल द्रविड़ (भारत) - 21 9 पारियां

R DRAVID

टेस्ट क्रिकेट में नंबर 3 पर बल्लेबाजी करना बेहद महत्वपूर्ण होता है और भारतीय क्रिकेट टीम की दीवार कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ अपने टेस्ट करियर में नंबर 3 पर बल्लेबाजी करने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अपने टेस्ट करियर में 10,000 से भी ज्यादा रन बनाए हैं। राहुल द्रविड़ टेस्ट इतिहास में चौथे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं। इसके साथ ही राहुल द्रविड़ भारत के पूर्व खिलाड़ियों में फ़ैब 4 का हिस्सा भी थे, जिसमें सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण शामिल थे। ठोस तकनीक और धैर्य से भरपूर राहुल द्रविड़ को क्रीज से डिगा पाना किसी भी विपक्षी गेंदबाज के लिए आसान काम नहीं रहा। जब राहुल द्रविड़ नंबर 3 पर बल्लेबाजी करने आते तो टीम इंडिया के लिए क्रीज पर दीवार की तरह टिक जाते थे और गेंदबाजों के नाक में दम करके ही मानते। राहुल द्रविड़ के टेस्ट करियर में ऐसे कई मौके आए हैं जब उन्होंने टीम को विपरीत हालातों से निकालकर सम्मानजनक स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया हो। हालांकि द्रविड़ को करियर के शुरुआत में काफी कठिनाईओं का सामना करना पड़ा। खासकर वनडे क्रिकेट में उन्हें जगह बनाने में ज्यादा मशक्कत करनी पड़ी। टेस्ट इतिहास में किसी भी अन्य खिलाड़ी की तुलना में द्रविड़ सबसे अधिक 286 टेस्ट मैचों की 219 पारियों में नंबर 3 पर बल्लेबाज़ी करने आए। हालांकि, रनों के मामले में द्रविड़ थोड़ा पिछड़ गए, नंबर 3 पर बल्लेबाजी करते हुए सबसे ज्यादा रनों के मामले में श्रीलंका के कुमार संगकारा सबसे आगे हैं। संगकारा ने नंबर 3 पर बल्लेबाजी करते हुए 11679 रन बनाए हैं, वहीं राहलु द्रविड़ ने नंबर 3 पर बल्लेबाजी करते हुए 10524 रन बनाए हैं। राहुल द्रविड़ ने नंबर 3 पर बल्लेबाजी करते हुए टेस्ट क्रिकेट में 28 शतक लगाए हैं। टेस्ट में उनका सर्वाधिक स्कोर रावलपिंडी में पाकिस्तान के खिलाफ आया, जब उन्होंने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 270 रनों की पारी को अंजाम दिया। R DRAVID_STAT

# 4 सचिन तेंदुलकर (भारत) - 275 पारियां

SACHIN

क्रिकेट की बात हो और उसमें सचिन तेंदुलकर का जिक्र न हो ऐसा हो नहीं सकता। टेस्ट क्रिकेट में 51 शतक अपने नाम करने वाले सचिन तेंदुलकर ने भी टेस्ट क्रिकटे में अनगिनत अहम पारियां खेली हैं। रनों के मामले में टेस्ट इतिहास में तेंदुलकर सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं। भारतीय क्रिकेट में टेस्ट में नंबर-4 पर बल्लेबाजी करते हुए सचिन तेंदुलकर ने कई रिकॉर्ड भी कायम किए हैं। नंबर-4 पर बल्लेबाजी करते हुए सचिन तेंदुलकर ने 275 पारियां खेली हैं। सचिन तेंदुलकर भारत के लिए वनडे क्रिकेट में ओपनर के तौर पर बल्लेबाजी करने आते थे, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने ओपनर के तौर पर एक बार ही बल्लेबाजी की है, जिसमें उन्होंने सिर्फ 15 रन ही बनाए। यह मध्यक्रम ही था, जिसके कारण तेंदुलकर अपनी लय के मुताबिक टेस्ट में बेस्ट दे पाते और रन बनाते। टेस्ट में नंबर 4 पर बल्लेबाजी करना तेंदुलकर के करियर के लिहाज से काफी अहम रहा। टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने वाले सचिन तेंदुलकर के नाम टेस्ट में 15921 रन दर्ज हैं। वहीं नंबर 4 पर बल्लेबाजी करते हुए तेंदुलकर के नाम 13492 रन दर्ज हैं। जिसमें उन्होंने 54.40 के औसत से बल्लेबाजी करते हुए 44 शतक भी बनाए हैं। नंबर 4 पर बल्लेबाजी के लिए सचिन के प्रतिद्वंद्वी के तौर पर सिर्फ श्रीलंका के महेला जयवर्धने ही हैं, जिन्होंने नंबर-4 पर बल्लेबाजी करते हुए 9509 रन बनाए हैं। सचिन तेंदुलकर के नंबर-4 पर बल्लेबाजी करते हुए बनाए गए रनों के आंकड़े से ये करीब 4000 रन कम है। SACHIN_STAT

# 5 शिवनारायण चंदरपॉल (वेस्टइंडीज़) - 151 पारियां

CHANDARPAUL

वेस्टइंडीज के शिवनारायण चंदरपॉल टेस्ट इतिहास में सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में सातवें पायदान पर हैं। शिवनारायण चंदरपॉल के नाम टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने का रिकॉर्ड दर्ज है। शिवनारायण चंदरपॉल ने पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 151 पारियां खेली हैं। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान स्टीव वॉ का नाम आता है, जिन्होंने पांचवें नंबर पर शिवनारायण चंदरपॉल की तुलना में 9 पारियां कम खेली हैं। ब्रायन लारा के संन्यास लेने के बाद शिवनारायण चंदरपॉल को कई मौकों पर टेस्ट क्रिकेट में टीम के लिए अकेले संघर्ष करते हुए देखा गया है। हालांकि शिवनारायण चंदरपॉल अपने करियर में बनाए गए 11867 रनों में से 6883 रन ही पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए बना पाए। शिवनारायण चंदरपॉल ने टेस्ट क्रिकेट में नंबर 3, 4 और 6 पर भी 100 से ज्यादा पारियां खेली हैं। वहीं अगर देखा जाए तो शिवनारायण चंदरपॉल की बल्लेबाजी औसत नंबर पांच पर खेलते हुए 56.42 थी और 6 नंबर पर खेलते हुए उनकी बल्लेबाजी औसत 64.82 थी। शिवनारायण चंदरपॉल अपने टेस्ट करियर में अधिकतम पांचवें नंबर पर ही बल्लेबाजी करते हुए देखे जाते थे। इस नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिए टीम को उनकी खासी जरूरत भी महसूस होती थी। शिवनारायण चंदरपॉल ने अपने टेस्ट करियर के 30 में से 19 शतक नंबर पांच पर बल्लेबाजी करते हुए बनाए हैं। CHANDARPAUL_STAT

# 6 इयान बॉथम (इंग्लैंड) - 94 पारियां

BOTHAM

क्रिकेट जगत में इंग्लैंड के इयान बॉथम को सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर के तौर पर जाना जाता है। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान इयान बॉथम ने नंबर 6 पर बल्लेबाजी करते हुए 94 पारियां खेली हैं। इयान बॉथम को सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर इसलिए माना जाता है क्योंकि वो गेंद और बल्ले दोनों से शानदार कमाल दिखाने में माहिर खिलाड़ी थे। आंकड़े भी इसकी गवाही अपने आप बयां करते हैं। इयान बॉथम ने अपने टेस्ट करियर में 102 मैचों में बल्ले से सबके छक्के छुड़ाते हुए 5000 से भी ज्यादा रन बनाए हैं तो वहीं गेंदबाजी से कमाल करते हुए 383 विकेट अपने नाम किए हैं। नंबर 6 पर बल्लेबाजी करते हुए इयना बॉथम ने 94 पारियां खेली हैं। जिनमें उन्होंने 29.24 की औसत से 2690 रन बनाए हैं। हालांकि उनके ओवरऑल करियर में इससे भी ज्यादा 33.55 औसत रही है। वहीं इयान ने नंबर 5 और 7 पर बल्लेबाजी करते हुए क्रमशः 53.22 और 40.27 औसत से रन बटोरे हैं। हालांकि इयान ने अपने टेस्ट करियर के सर्वाधिक स्कोर (208) को नंबर पांच पर बल्लेबाजी करते हुए अंजाम दिया है। वहीं नंबर 6 पर बल्लेबाजी करते हुए इयान के बाद ऑस्ट्रेलिया के स्टीव वॉ का नंबर आता है। जिन्होंने इयान से 15 पारियां कम खेलते हुए 79 पारियों में 3165 रन बनाए हैं। BOTHAM_STAT

# 7 मार्क बाउचर (दक्षिण अफ़्रीका) - 124 पारियां

BOUCHER

टेस्ट क्रिकेट में सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए भले ही सबसे ज्यादा रनों के मामले में ऑस्ट्रेलिया के एडम गिलक्रिस्ट आगे हों, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए सबसे ज्यादा पारियां खेलने के मामले में दक्षिण अफ्रीका के पूर्व विकेटकीपर-बल्लेबाज मार्क बाउचर आगे हैं। मार्क ने सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 124 पारियां खेली हैं। आम तौर पर देखा जाता है कि नंबर सात पर टीम का विकेटकीपर बल्लेबाजी करता है। वहीं अगर देखा जाए तो सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने के मामले में मार्क के प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी भी ज्यादा दूर नहीं हैं। नंबर सात पर टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजी करने के मामले में मार्क के प्रतिद्वंद्वियों में ऑस्ट्रेलिया की इयान हिली और रॉडनी मार्श हैं जिन्होंने क्रमश: 123 और 121 टेस्ट पारियों में नंबर 7 पर बल्लेबाजी की है। बाउचर ने पाकिस्तान के खिलाफ साल 1997 में अपना पहला टेस्ट मैच खेलते हुए दक्षिण अफ्रीका की ओर से अपने करियर की शुरुआत की थी। जिसके बाद उन्होंने नंबर सात पर बल्लेबाजी करते हुए 124 पारियों में 26 की बल्लेबाजी औसत से 2939 रन अपने नाम किए। BOUCHER_STAT

# 8 शेन वॉर्न (ऑस्ट्रेलिया) - 113 पारियां

SHANE WARNE

क्रिकेट इतिहास में ऑस्ट्रेलिया के शेन वॉर्न को एक महान खिलाड़ी के तौर पर याद किया जाता है। अपनी करिश्माई गेंदबाजी के बूते शेन वॉर्न अच्छे से अच्छे बल्लेबाज की नींद हराम करके रखते थे। अपनी शानदार गेंदबाजी के बदौलत शेन वॉर्न ने कई रिकॉर्ड भी कायम किए। लेकिन जहां तक बल्लेबाजी की बात की जाए तो शेन वॉर्न ने टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा बार नंबर 8 पर बल्लेबाजी की है। शेन वॉर्न के बाद सबसे ज्यादा आठवें नंबर पर बल्लेबाजी करने के मामले में न्यूजीलैंड के डेनियल विटोरी का नाम आता है, जिन्होंने आठवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 67 पारियों में 2227 रन बनाए हैं। गेंद के साथ अपनी अद्भुत क्षमता के अलावा, वॉर्न बल्लेबाजी में आठवें नंबर पर टीम के लिए कई बार बेहद कारगर साबित हुए। उन्होंने इस दौरान 12 टेस्ट अर्धशतक भी लगाए हैं। नंबर 8 पर बल्लेबाजी करते हुए 113 पारियों में शेन वॉर्न ने लगभग 19 की औसत से 2005 रन बनाए हैं। शेन वॉर्न के करियर में एक ऐसा मौका भी आया था जब वो टेस्ट क्रिकेट में अपना पहला शतक पूरा करने से महज 1 रन से चूक गए थे। दिसंबर 2001 में न्यूजीलैंड के खिलाफ पर्थ में शेन वॉर्न अपने पहले शतक के करीब पहुंच ही रहे थे कि वो 99 रन पर आउट हो गए। SHANE WARNE_STAT

# 9 कर्टली एम्ब्रोस (वेस्टइंडीज़) - 97 पारियां

AMBROSE

वेस्टइंडीज के महानतम तेज गेंदबाजों में से एक कर्टली एम्ब्रोस ने 98 टेस्ट में 403 विकेट लिए हैं और अपने करियर के सर्वश्रेष्ठ भाग के लिए कोर्टनी वॉल्श के साथ एक घातक साझेदारी को भी अंजाम दिया है। बल्ले के साथ उनकी क्षमता कम प्रभावशाली थी, लेकिन इसमें किसी तरह का आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि कर्टली के नाम नौवें नंबर पर टेस्ट में बल्लेबाजी करने के मामले में सबसे ज्यादा पारियां खेलने का रिकॉर्ड दर्ज है। कर्टली एम्ब्रोस के नाम एक अर्धशतक भी दर्ज है जो कि उन्होंने साल 1991 में पोर्ट ऑफ स्पेन में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगाया था। 9 नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए एम्ब्रोस ने 97 टेस्ट पारियों में 12.1 की औसत से 973 रन बनाए। वहीं टेस्ट क्रिकेट में नंबर 9 पर बल्लेबाजी करते हुए सबसे ज्यादा रनों के मामले में इंग्लैंड के स्टुअर्ट ब्रॉड का नाम है, जिन्होंने 9 नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 66 पारियों में 1257 रन अपने नाम किए हैं। AMBROSE_STAT

# 10 बिशन सिंह बेदी (भारत) - 69 पारियां

BISHEN BEDI

1960 और 1970 के दशक के दौरान भारत के प्रसिद्ध स्पिन चौकड़ी का हिस्सा रहे बिशन सिंह बेदी ने 66 टेस्ट मैच खेले, जिसमें से उन्होंने 22 मैचों में टीम का नेतृत्व भी किया। इसके साथ ही उनके नाम टेस्ट में 266 विकेट दर्ज हैं। टेस्ट क्रिकेट में उनका एकमात्र टेन-विकेट हॉल दिसंबर 1977 में पर्थ में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आया था। उनकी शानदार गेंदबाजी से ये बात जाहिर थी कि बिशन न केवल घर में बल्कि बाहर की परिस्थितियों में भी शानदार गेंदबाजी करके विरोधियों को परास्त करने में माहिर थे। बल्लेबाजी की बात की जाए तो बिशन सिंह बेदी ने सबसे ज्यादा 10 नंबर पर बल्लेबाजी की है। इस दौरान उन्होंने 69 पारियां खेली हैं और 9.03 की औसत से 470 रन बनाए हैं। इसके साथ ही बिशन के नाम एक नाबाद अर्धशतक भी दर्ज है, जो उन्होंने 1976 में कानपुर में न्यूजीलैंड के खिलाफ लगाया था। वहीं 10 नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में दक्षिण अफ्रीका के डेल स्टेन सबसे आगे हैं, जिन्होंने 49 पारियों में 502 रन बनाए हैं। BISHEN BEDI_STAT

# 11 ग्लेन मैक्ग्रा (ऑस्ट्रेलिया) - 128 पारियां

GLENN McGRATH

ऑस्ट्रेलिया के महान तेज गेंदबाज ग्लेन मैकग्रा के नाम टेस्ट क्रिकेट में 11वें नंबर पर सबसे ज्यादा पारियां खेलने का रिकॉर्ड दर्ज है। उन्होंने 11 वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 128 पारियां खेली हैं। इसके बाद वेस्टइंडीज के कोर्टनी वॉल्श का नाम आता है जिन्होंने 11वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए मैक्ग्रा से 6 पारियां कम खेली हैं। मैकग्रा टेस्ट इतिहास में तेज गेंदबाजों में 563 विकेट के साथ ही विश्व के अग्रणी विकेट लेने वाले खिलाड़ी हैं, लेकिन बल्ले से मैक्ग्रा कुछ खासा कमाल नहीं दिखा पाए। हालांकि मैक्ग्रा के नाम टेस्ट करियर में एक अर्धशतकीय पारी दर्ज है, जो कि उन्होंने साल 2004 में न्यूजीलैंड के खिलाफ ब्रिस्बेन में बल्लेबाजी करते हुए खेली थी। इस पारी में उन्होंने 61 रन बनाए थे। वहीं नंबर 11 पर बल्लेबाजी करते हुए सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में श्रीलंका के स्पिन जादूगर मुथैया मुरलीधरन का नाम सबसे आगे है, जिन्होंने 87 पारियां खेलकर 623 रन बनाए थे। लेखक: प्रांजल मेच अनुवादक: हिमांशु कोठारी