हैमिल्टन मासाकाद्ज़ा
हैमिल्टन मासाकाद्ज़ा ने महज 17 साल की उम्र में ही अपना टेस्ट डेब्यू किया था । 17 साल की उम्र में डेब्यू करके उन्होंने ज़िम्बाब्वे क्रिकेट में भूचाल ला दिया । सबको ये सब कुछ असाधारण सा लगा । लेकिन दुर्भाग्यवश मस्काद्जा का करियर उतार-चढ़ाव भरा रहा । लेकिन फिर भी बिना किसी शक के वो जिम्बॉब्वे के लीजेंड खिलाड़ियों में से एक हैं ।
एक अलग तरह की बैटिंग स्टाइल और चतुराई भरी मध्यम तेज गेंदबाजी के कारण वो अपनी टीम के लिए काफी उपयोगी साबित हुए । अब इसे उनका गुडलक कहें या बैडलक उन्हें अपना पहला विश्व कप खेलने का मौका 2015 में ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड में हुए वर्ल्ड कप में मिला ।
धीमी गति से रन बनाने के कारण उन्हें आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा । हालांकि अपने आलोचकों को उन्होंने करारा जवाब दिया और साल 2009 में 88.08 की औसत से 1000 रन बनाया । 33 साल की उम्र में भी मस्काद्जा के अंदर बहुत क्रिकेट बाकी है । अभी उन्होंने श्रीलंका और वेस्टइंडीज के साथ हुए ट्राई सीरीज में खेला है ।
क्रिकेट करियर- जुलाई 2001 से अब तक (15 साल 4 महीने)
टेस्ट-32
वनडे-169
टी-20-50
Edited by Staff Editor