5 बल्लेबाज़ जिनकी औसत 150 या उससे ज़्यादा वनडे खेलने के बाद भी कभी 35 से नीचे नहीं आई

वनडे क्रिकेट में बल्लेबाज़ों से अक्रामक होने की उम्मीद की जाती है, वो जोखिम लेने में माहिर होते हैं और जल्द से जल्द रन बनाने की फ़िराक में रहते हैं ताकि टीम को मज़बूती मिल सके। ये बात कहने की ज़रूरत नहीं कि किसी भी टीम की क़ामयाबी इस बात पर निर्भर करती है कि उसके बल्लेबाज़ लगातार अच्छा प्रदर्शन करते रहें। अगर कोई बल्लेबाज़ 35 की औसत बरक़रार रखता है तो इसे बड़ी कामयाबी में शुमार किया जाता है। यहां हम उन 5 बल्लेबाज़ों के बारे में चर्चा कर रहे हैं जो 150 से ज़्यादा वनडे खेल चुके हैं लेकिन उनका औसत कभी 35 से कम नहीं हुआ है।

#5 मोहम्मद यूसुफ़

पाकिस्तान के पूर्व कप्तान मोहम्मद यूसुफ़ 21वें सदी के पहले दशक के एक बेहतरीन बल्लेबाज़ थे। बतौर वनडे खिलाड़ी वो पाकिस्तान टीम के मिडिल ऑर्डर की रीढ़ थे। वो शानदार स्ट्रोक खेलने और स्ट्राइक बदलने में माहिर थे। वो अपने दौर के टॉप वनडे खिलाड़ी थे और काफ़ी कंसिस्टेंट भी रहे हैं। साल 1998 से लेकर 2010 तक इस दाएं हाथ के खिलाड़ी ने 288 वनडे मैच खले हैं जिस में उनकी औसत 41.72 की रही है। इस दौरान उन्होंने 15 शतक और 64 अर्धशतक लगाए हैं। पूरे वनडे करियर में उनकी न्यूनतम औसत 35.65 रही है। वो पाकिस्तान की टीम के महानतम खिलाड़ियों में से एक हैं।

#4 ग्रीम स्मिथ

दक्षिण अफ़्रीका के पूर्व कप्तान ग्रीम स्मिथ को दुनिया की सबसे बेहतरीन टीम तैयार करने का श्रेय जाता है, और अपनी टीम के सबसे मज़बूत आधार थे। उनके बल्लेबाज़ी की तकनीक ग़ैर परंपरागत लेकिन बेहत प्रभावशाली थी। वो अपनी टीम के लिए ओपनिंग करते थे और दक्षिण अफ़्रीका के सबसे कंसिस्टेंट बल्लेबाज़ थे। बाएं हाथ के इस खिलाड़ी ने साल 2002 में वनडे में डेब्यू किया था। उन्होंने 12 साल के वनडे करियर में 197 वनडे मैच खेले हैं और 37.98 की औसत से 7000 से कुछ कम रन बनाए हैं। उन्होंने कुछ ही मौकों पर वनडे में अपनी कुल औसत से कम रन स्कोर किया है। उनका सबसे कम औसत 36.13 का रहा है।

#3 माइकल क्लार्क

माइकल क्लार्क कंगारू टीम के महानतम बल्लेबाज़ों में से एक हैं। वो मैच में शानदार स्ट्रोक लगाते थे और हालात के हिसाब से गेंद को हिट करना जानते थे। इसके अलावा वो दौड़कर रन लेने में माहिर थे और एक अच्छे मिडिल ऑर्डर खिलाड़ी थे। उन्होंने साल 2003 से लेकर साल 2015 के बीच 245 वनडे मैच में 44.58 की औसत से 8000 रन बनाए हैं। ये मध्य क्रम के बल्लेबाज़ के हिसाब से एक बेहतरीन औसत है। उनके वनडे करियर की सबसे न्यूनतम औसत 37.72 है जो साबित करता है कि वो टीम के लिए कितने अहम थे। कई मौकों पर कंगारू टीम क्लार्क पर ही पूरी तरह निर्भर हो जाती थी।

#2 माइकल बेवन

जहां तक वनडे में बल्लेबाज़ी की बात है माइकल बेवन पूरे करियर में ऑस्ट्रेलियाई टीम के सुपरस्टार रहे हैं। बेवन की ख़ूबी ये थी कि वो टीम की आधी पारी के बाद पिच पर आते थे और टीम के स्कोर को उम्मीद से कहीं आगे ले जाते थे। वो बहुत बड़े विस्फोटक बल्लेबाज़ नहीं थे लेकिन वो किसी भी तरह की गेंद पर सिंगल निकालना जानते थे और ज़रूरत पड़ने पर गेंद को बाउंड्री के पार भी पहुंचाते थे। वो पुछल्ले बल्लेबाज़ों के साथ मिलकर अच्छी साझेदारी भी करते थे। बेवन कई मौकों पर कंगारू टीम को कड़े मुक़ाबलों में जीत दिलाई है। माइकल बेवन वनडे टीम के सबसे कंसिस्टेंट खिलाड़ियों में से एक रहे हैं वो भी तब जब वो एक मध्य क्रम के बल्लेबाज़ थे। साल 1994 से लेकर 2004 तक उन्होंने 232 वनडे मैच खेले हैं जिन में उनकी औसत 53.58 रही है। उनकी बल्लेबाज़ी की सबसे ख़ास बात ये है कि एक दशक में उनकी औसत कभी भी 42.33 से कम नहीं रही है। वो अपने दौर में वनडे के सबसे बेहतरीन फ़िनिशर कहे जाते थे।

#1 माइकल हसी

माइकल हसी ने जब अपने वनडे करियर की शुरुआत की थी तब वो 28 साल के हो चुके थे, लेकिन वो काफ़ी कम वक़्त में दुनिया के टॉप बल्लेबाज़ बन गए थे। वो सीमित ओवर के शानदार खिलाड़ियों में गिने जाते थे। जब तक वो कंगारू टीम में रहे तब तक माइकल बेवन की कमी कभी महसूस नहीं हुई। वो गेंद को बड़ी बेरहमी से हिट करते थे और अपनी टीम के लिए ज़रूरी रन बनाते थे। निरंतरता के मामले वो माइकल बेवन से काफ़ी आगे निकल गए थे। हांलाकि साल 2004 से लेकर साल 2012 तक खेले गए 185 वनडे में उनका कुल औसत 48.16 का रहा है (जो कि बेवन से कम है), लेकिन हसी की बल्लेबाज़ी की औसत पूरे वनडे करियर में कभी भी 47.89 से कम नहीं रही है। यही वजह है कि उनके संन्यास लेने के 6 साल बाद भी कंगारू टीम को उनके विकल्प की अब भी तलाश है। लेखक- सूरज श्री गणेश अनुवादक- शारिक़ुल होदा